जिला- भरतपुर

(46) राजकीय आत्मनिर्भर श्रेणी मंदिर श्री कैला देवी जी, झील का बाड़ा, भरतपुर

मंदिर परिचय एवं संक्षिप्त इतिहासः- उक्त मंदिर भरतपुर बयाना मुख्य मार्ग से लगभग 2 किमी अंदर अवस्थित है । मंदिर में मां कैला देवी जी व महालक्ष्मी जी की विग्रह हैं। जनश्रुति अनुसार उक्त दोनों विग्रह द्वापरयुगीन हैं। कहा जाता है कि कलासुर नामक दानव का वध करने हेतु मॉं केलादेवी जी मॉ महालक्ष्मी के साथ इस स्थान पर प्रकट हुई थी। भरतपुर राज्य के  तत्कालीन महाराजा श्री किशनसिंह जी द्वारा उक्त मंदिर और इसके पास रवि अमृत कुंड का जीर्णोद्धार कराया था। महाराज किशनसिंह ने अपने राज्य में पशु बलि करने की परम्परा इसी मंदिर से बंद करते हुए जीवदया का उत्कृष्ट आदर्ष प्रस्तुत किया था । उक्त देवी भरतपुर रियासत के महाराजाओं की कुलदेवी है। यहां प्रतिवर्ष दो बडे मेले आयोजित होते हैं । चैत्र व शारदीय पन्द्रह दिवसीय नवरात्रा  मेलों का आयोजन देवस्थान विभाग द्वारा किया जाता है, जिनमें राज्य एवं राज्य के बाहर से लाखों श्रृद्धालु  आते हैं। उक्त मेलों में विभिन्न विभागों का सहयोग रहता है । मंदिर में श्रृद्धालुगण अपने विवाह की जात लगाने तथा बच्चों के मुण्डन हेतु भी आते है। मंदिर क्षेत्र में रवि अमृत कुण्ड के अलावा एक अन्य पवित्र कुण्ड काली सिल भी है। इस मंदिर हेतु भरतपुर जिले के विभिन्न भागों से पदयात्राएं भी जाती हैं तथा श्रृद्धालु दण्डवत परिक्रमा भी करते हैं ।