(4) राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार मंदिर श्री किल्की जी, सिरहड्योढी बाजार, जयपुर

मंदिर श्री किल्की जी, सिरहड्योढी बाजार, जयपुर राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार श्रेणी का मंदिर है। इसका निर्माण जयपुर संस्थापक महाराजा सवाई सिंह जी के द्वारा संवत 1732 से 1742 के मध्य करवाया गया था। महाराजा सवाई सिंह जी ने अपने राजमहल के पूर्वी प्रवेषद्वार, जिसे सिरहड्योढी के नाम से जाना जाता है, के ठीक सामने कलयुग के भावी अवतार श्री किल्की जी अवतार का भव्य मंदिर निर्मित करवाया गया। यह मंदिर मंदिर दक्षिणी षैली के स्थापत्य का बालुई पत्थर का गुम्बज का बना हुआ है।

भगवान किल्की जी अवतार का वाहन सफेद अष्व को माना गया है। इसलिये मंदिर भवन के पास अलग गर्भगृह में सफेद संगमरमर का स्थापत्य की दृष्टि से अत्यन्त सुन्दर एवं दर्षनीय अष्व स्थापित किया था। यह भी जनश्रुति है कि जयपुर संस्थापक महाराजा सवाई सिंह जी द्वारा संवत 1742 में अष्वमेघ यज्ञ किया गया था उस यज्ञ में पाषाण के अष्व की जो मूर्ति स्थापित की गई थी उसी अष्व को यज्ञ समाप्ति के पष्चात मंदिर श्री किल्की जी में स्थापित कर दिया गया।