जिला-उदयपुर
(42) राजकीय आत्मनिर्भर मंदिर श्री ऋषभदेव जी, ऋषभदेव
यह देवस्थान विभाग के राजकीय आत्म निर्भर श्रेणी मंदिर श्री ऋषभदेवजी धुलेव ऋषभदेव राजस्थान क्षेत्र में स्थित है। प्राचीनतम तीर्थ स्थलों में भगवान श्री ऋषभदेव का तीर्थ अपनी भव्यता चमत्कार तथा कला की दृष्टि से अलौकिक है। मेवाड के चार तीर्थ धामों श्रीनाथजी, श्री एकलिंगजी, श्री चारभुजाजी एवं श्री केशरियाजी का विशिष्ठ महत्व विभिन्न सम्प्रदायों के लिये है, जिसमें जैन, अजैन, हिन्दु, आदिवासी सभी धर्मावलम्बियों के लिये यह एक पावन स्थल है। यह मंदिर अरावली की कंदराओं के बीच उदयपुर जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 (अहमदाबाद मार्ग पर) से जुडा हुआ होकर कुंवारिका नदी के तट पर अवस्थित है।
देवस्थान विभाग, राजस्थान-सरकार द्वारा प्रबन्धित एवं नियंत्रित मंदिरो में आत्म निर्भर श्रेणी के इस ऋषभदेवजी मंदिर में भगवान ऋषभदेवजी की श्याम वर्ण की लगभग 105 से.मी. भव्य आकार की ऊंची प्रतिमा ऋषभदेव गांव में पहाडों की ओट में निर्मित मंदिर में विराजमान है। इस प्रतिमा का पूजन भक्तगण प्राचीन समय से ही केशर से करते चले आ रहे है, इस वजह से केशरियानाथ कहा जाता है। स्थानीय क्षेत्र के आदिवासी इन्हें कालाजी बावजी, केशरिया बाबा, धुलेवाधजी भी कहते है।
प्रतिवर्ष होली के आठ दिन बाद चैत्र कृष्ण अष्टमी को भगवान ऋषभदेव का जन्मोत्सव पर्व मनाया जाता है। इस अवसर पर तीन दिवसीय मेला (सप्तमी, अष्टमी तथा नवमी) आयोजित होता है। जिसमें दूर-दराज के क्षेत्रों के हजारों की तादाद में भक्तगण दर्शनार्थ, सेवा पूजा हेतु आते है। जन्मोत्सव पर्व चेत्र कृष्णा अष्टमी को भगवान केशरियाजी की विशाल शोभायात्रा, जन्म कल्याण आरती एवं मंगल दीपक के कार्यक्रम आयोजित होते है। |