(25) राजकीय आत्मनिर्भर मंदिर श्री चतुर्भुज जी (सिंगोली श्याम जी) तहसील माण्डलगढ़, जिला-भीलवाड़ा

यह मंदिर भीलवाड़ा जिले में माण्डलगढ़ कस्बे में स्थित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल है। यह एक अत्यन्त प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर होने के साथ-साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। प्रतिदिन यहाँ सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शानार्थ आते है। प्रचलित किवदंती के अनुसार मंदिर का निर्माण 1388 ई. (संवत 1445) में तुगणावत समाज द्वारा करवाया गया। उक्त मंदिर देवस्थान विभाग द्वारा दिसम्बर, 1996 में अधिग्रहण किया गया था। मंदिर में मुख्य प्रतिमा चारभुजा जी की है जो काले प्रस्तर से निर्मित है, उक्त प्रतिमा के निकटस्थ ही शिवलिंग प्रस्तर का स्थापित है। मंदिर के गर्भग्रह में दायी तरफ गंगा बाई सती जी विराजमान है। निज मंदिर के सामने गरूड गोपाल के सफेद पाषण (मार्बल) की मूर्ति स्थापित है एवं बायी तरफ शिव परिवार विराजमान है गर्भ ग्रह एवं मंदिर छत के आन्तरिक भाग तथा आन्तरिक दीवारों पर कांच की सुन्दर जडाई की हुई है। मंदिर की सेवा-पूजा पाराशर परिवार द्वारा वंशानुगत एवं ओसरेवार की जा रही है। मंदिर में फूलडोल महोत्सव, शरद पूर्णिमा, जन्माष्टमी आदि उत्सव बडे धूम-धाम एवं उत्साह से मनाये जाते है। फूलडोल महोत्सव के दौरान श्री चतुर्भुज जी (सिंगोली श्याम जी) की चल मूर्ति की शोभा यात्रा (नगर भ्रमण) बडे धूम-धाम से निकाली जाती है जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते है एवं भजन संध्या एवं भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।