राजस्थान सरकार ,
देवस्थान विभाग
वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन
वर्ष 2020-21
-: अनुक्रमणिका :-
भाग सं. |
विवरण |
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पृष्ठ संख्या |
भाग—1 |
विभागीय परिचय, कार्य-कलाप, उद्देश्य एवं प्रतिबद्धतायें,विभाग के पर्यवेक्षणाधीन/अनुदानित मंदिर, प्रन्यास, धर्मशालायें व परिसंपत्तियाँ |
: |
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भाग—2 |
देवस्थान विभाग की वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था |
: |
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भाग—3 |
देवस्थान विभागसे सम्बंधित प्रमुख नियम/अधिनियम |
: |
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भाग—4 |
देवस्थान विभाग का बजट प्रावधान और विभाग द्वारा राजस्व संग्रहण |
: |
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भाग—5 |
देवस्थान विभाग द्वारा किये गए विकास कार्य एवं अर्जित प्रमुख उपलब्धियों का विवरण |
: |
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भाग—6 |
देवस्थान विभाग द्वारा संचालित तीर्थ यात्रा योजनायें |
: |
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भाग—7 |
देवस्थान विभाग द्वारा मेलों एवं कार्यक्रमों का आयोजन |
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भाग—8 |
देवस्थान विभाग द्वाराविभागीय संपदाओं का प्रबंध एवं अनुरक्षण |
: |
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भाग—9 |
मंदिरों व धर्मस्थलों के लिए सहायता अनुदान तथा शाश्वत वार्षिकी का भुगतान |
: |
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भाग—10 |
सार्वजनिक प्रन्यासों का नियंत्रण, पर्यवेक्षण एवं नियमन |
: |
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राजस्थान सरकार
देवस्थान विभाग
वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन वर्ष 2020-21
भाग— 1
विभागीय परिचय, कार्य-कलाप, उद्देश्य एवं प्रतिबद्धतायें
-:विभागीय परिचय:-
देवस्थान विभाग मन्दिर संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन का विभाग है। इस विभाग का गठन भूतपूर्व राजपूताना राज्य की छोटी-बडी 22 रियासतों के विलीनीकरण के पश्चात, पूर्व देशी राज्यों द्वारा राजकोष के माध्यम से संचालित मन्दिरों, मठों, धर्मशालाओं आदि के प्रबंधन एवं सुचारू संचालन हेतु वर्ष 1949 में बने वृहत् राजस्थान राज्य के साथ-साथ हुआ.
राजस्थान का गौरवशाली अतीत पूर्व शासकों की धार्मिक निष्ठा एवं धर्म पालन के बलिदानों के लिए विख्यात है। देशी राज्यों के अनेक शासकों ने रियासत का राजा स्वयं को नहीं मानकर अपने इष्ट देवता के नाम की मोहरें एवं राजपत्र में अंकित मुद्राओं से शासन किया। ऐसे में राजस्थान के राजाओं और राजकुलों ने विपुल संख्या में मंदिरों, धार्मिक स्थलों और धर्मशालाओं का न केवल राजस्थान में निर्माण कराया अपितु राज्य के बाहर भी अनेक मन्दिर एवं धर्म स्थलों का निर्माण कराया है ,
विभिन्न तीर्थ स्थलों पर बने राज्य के मन्दिर एवं पूजा स्थल मध्यकाल से ही धार्मिक, नैतिक, सामाजिक, आध्यात्मिक तथा शैक्षणिक प्रवृत्तियों के केन्द्र रहे हैं। इनके माध्यम से ज्योतिष, आयुर्वेद, कर्मकाण्ड, धर्मशास्त्र, संगीत, शिल्प, चित्रकला, मूर्तिकला, लोकगीत, भजन, नृत्य परम्परा आदि का संरक्षण, प्रसार एवं प्रशिक्षण होता रहा है। इस प्रक्रिया में अनेक धर्मज्ञ विद्वानों, निराश्रितों, विद्यार्थियों, साधु-संतों को सहयोग, प्रोत्साहन एवं संरक्षण भी मिलता रहा है। समय के अनुरूप सामाजिक परिवर्तनों के उपरान्त भी ये मन्दिर एवं पूजा स्थल आज भी धार्मिक सौहार्द व सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। प्राचीन स्थापत्य कला, शिल्पकला व चित्रशालाओं के ये अनूठे भण्डार अर्वाचीन भारत की अमूल्य निधि है। नवीन राजस्थान राज्य के निर्माण के पश्चात इस विपुल मन्दिर संपदा के प्रबंध व संरक्षण का उत्तरदायित्व वर्तमान देवस्थान विभाग के पास है।
वर्तमान देवस्थान विभाग विरासत में प्राप्त ऐसी ही धार्मिक एवं पुण्य प्रयोजनार्थ स्थापित संस्थाओं एवं राजकीय मन्दिरों, मठों, लोक प्रन्यासों का नियमन करने, उनके प्रशासन हेतु मार्गदर्शन देने, उन्हें आर्थिक सहयोग देने जैसे धार्मिक एवं सामाजिक कर्तव्यों का निर्वहन करता है।
प्रारंभिक वर्षों में देवस्थान विभाग की पहचान मात्र मन्दिरों की सेवा-पूजा और उनकी सम्पत्ति के प्रबंधकर्ता विभाग की रही है, किन्तु कालांतर में परिवर्तित परिस्थितियों के अनुसार समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा विभागीय कार्यकलापों का विस्तार किया गया तथा नवीन दायित्व सौंपे गये ।
ऐसे ही राज्य गठन के एक दशक के बाद ही नवीन आवश्यकताओं के अनुसार राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम, 1959 अस्तित्व में आया और इसके साथ ही न्यासों का पंजीकरण, शिकायतों की जांच और उनके पर्यवेक्षण का दायित्व सौंपा गया.
इसी प्रकार भूमि सुधार कार्यक्रमों के फलस्वरूप मन्दिरों / मठों की भूमियों के पुन: ग्रहण के पश्चात निर्धारित वार्षिकी के भुगतान तथा मन्दिरों / संस्थाओं का सहायता अनुदान स्वीकृत करने के कार्यकलाप भी इस विभाग के कार्यक्षेत्र में विस्तारित हुए है।
समय के साथ राज्य सरकार द्वारा विभाग का बजट बढ़ाया गया है, मन्दिरों एवं संस्थाओं के अनुरक्षण एवं जीर्णोद्धार हेतु बड़ी परियोजनाएँ बनाई और क्रियान्वित की गयी हैं, विभागीय मन्दिरों एवं संस्थाओं ही नहीं, ट्रस्ट द्वारा संचालित व अन्य धर्म-स्थलों का भी विकास किया गया है, मंदिर परिसर ही नहीं, सड़क, ड्रेनेज, यात्री विश्राम स्थल आदि सुविधाओं और आधारभूत संरचनाओं के विकास पर भी प्रचुर व्यय किया गया है. शासन की नवीन नीति में तीर्थाटन एवं देशाटन को बढावा देने हेतु नयी योजनाएँ बनाई गयी हैं. राज्य के तीर्थयात्रियों को राज्य से बाहर तीर्थयात्रा की अनेक योजनाएँ संचालित हैं, जिसमें भारत के विभिन्न पर्यटन व तीर्थ स्थानों की निःशुल्क यात्रा व्यवस्था की जाती है.
विभागीय कार्य-कलाप, उद्देश्य एवं प्रतिबद्धताएं
देवस्थान विभाग द्वारा मुख्यतया निम्नांकित कार्य संपादित किये जाते हैः-
- राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार (Direct Charge), राजकीय आत्म निर्भर (Self-Supporting) एवं सुपुर्दगी (Handed Over) श्रेणी के मंदिरों एवं धार्मिक संस्थानों की संपदाओं का प्रबन्ध एवं नियंत्रण व पूजा, नैवेद्य, आरोगण, उत्सव आदि की व्यवस्था।
- राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम, 1959 एवं नियम-1962 के अन्तर्गत पंजीयन योग्य सार्वजनिक प्रन्यासों कापंजीकरण, पर्यवेक्षण एवंनियंत्रण संबंधी कार्य।
- मंदिरों, धार्मिक एवं पुण्यार्थ संस्थाओं को सहायतार्थ नकद अनुदान राशि का भुगतान तथा तत्सम्बन्धी नियंत्रण।
- मंदिरों एवं धार्मिक तथा पुण्यार्थ संस्थाओं आदि की माफी व जागीरों के पुनर्ग्रहण किये जाने के फलस्वरूप जागीर विभाग द्वारा निश्चित की गई शाश्वत वार्षिकी का प्रतिवर्ष राजस्व अधिकारियों द्वारा निश्चितकिश्तों में भुगतान एवं नियंत्रण।
- प्रमुख राजकीय धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थानों पर यात्रियों की सुविधा के लिए धर्मशालाओं व विश्रान्तिगृहों का निर्माण एवं उनके संरक्षण व संचालन की व्यवस्था करना तथा उनके विकास की योजनायें क्रियान्वित करना।
- मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों के वंश-परंपरागत नियुक्त महन्तों, पुजारियों, मठाधीशों आदि के उत्तराधिकारी की नियुक्ति करना व तत्सम्बन्धी कार्यवाही।
- राजकीय मंदिरों के बहुमूल्य जेवरात व अन्य वस्तुओं का मूल्यांकन व सत्यापन करना।
- धर्मार्थ एवं पुण्यार्थ कृत्यों हेतु आयोजित होने वाले मेलों, उत्सवों, यज्ञ इत्यादि को प्रोत्साहन देना एवं राजकीय मंदिरों में धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन करना ।
- मंदिर संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु विभिन्न कार्य योजनाओं को क्रियान्वित करना तथा राजस्थान राज्य के प्रमुख मंदिरों एवं तीर्थ स्थलों के संबंध में जनहितार्थ सामग्री का प्रकाशन-प्रसारण एवं अभिलेखों का संग्रहण करना एवं तीर्थाटन व देशाटन को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न कार्य योजनाओं को क्रियान्वित करना ।
- राजकीय मंदिरों (धर्मस्थानों) एवं धर्मार्थ पुण्यार्थ संस्थानों की संपदाओं के अतिक्रमियों को बेदखल करना एवं राजस्थान सरकारी स्थान (अप्राधिकृत अधिवासियों की बेदखली) अधिनियम, 1964 के प्रावधानों की क्रियान्विति।
- राजकीय मंदिरों (धर्मस्थानों), धर्मार्थ एवं पुण्यार्थ संस्थानों की श्रेणी का निर्धारण।
यहाँ उल्लेखनीय है कि मंदिरों एवं धर्मस्थलों की प्रकृति व श्रेणी अलग-अलग प्रकार की हो सकती है, जिनमें देवस्थान विभाग के द्वारा प्रत्यक्षतः केवल राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार (Direct Charge), राजकीय आत्म निर्भर (Self-Supporting) एवं सुपुर्दगी (Handed Over) श्रेणी के मंदिरों एवं धार्मिक संस्थानों की संपदाओं का प्रबन्ध एवं नियंत्रण व पूजा, नैवेद्य, आरोगण, उत्सव आदि की व्यवस्था की जाती है।
राज्य में विद्यमान विभिन्न श्रेणी के मंदिरों का विवरण
क्रम सं. |
मंदिर |
विवरण |
1 |
राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार श्रेणी मंदिर |
विलीनीकरण के पश्चात वर्तमान राज्य शासन को उत्तरदायित्व में प्राप्त हुये मन्दिर, जिनकी परिसम्पतियों का सीधा प्रबंधन एवं नियंत्रण देवस्थान विभाग के द्वारा किया जाता है। |
2 |
राजकीय आत्म निर्भर श्रेणी मंदिर |
विलीनीकरण के पश्चात वर्तमान राज्य शासन को उत्तरदायित्व में प्राप्त हुये मन्दिर, जिनकी परिसम्पतियों के प्रबंधन हेतु देवस्थान विभाग के द्वारा उनके पुजारियों को अधिकृत किया गया है। |
3 |
राजकीय सुपुर्दगी श्रेणी मंदिर |
सुपुर्दगी श्रेणी के मंदिरों के प्रबंध एवं सम्पति के रख-रखाव का दायित्व संबंधित सुपुर्दगार का होता है। इनमें सुपुर्दगार के रूप में कुछ मंदिर प्रन्यास के अधीन श्रेणी के मंदिर भी हैं। इसके अन्तर्गत मुख्यतः दो प्रकार के मंदिर हैं:-
- पूर्व देशी राज्यों के शासकों द्वारा विभिन्न पण्डितों/महन्तों/गोस्वामियों/विद्वानों एवं संस्थाओं को सेवा पूजा एवं सम्पति की देखभाल हेतु सुपुर्द किये गये मन्दिर
- देवस्थान विभाग द्वारा कालान्तर में विभिन्न संस्थाओं/व्यक्तियों को सुपुर्द किये गये मन्दिर
|
4 |
राजकीय सहायता प्राप्त मंदिर |
विलीनीकरण के पूर्व रियासतों द्वारा मन्दिरों की सेवा-पूजा धूप-दीप नैवेद्य आदि के लिये स्वीकृत की गई सहायता राशि /सहायता अनुदान का परम्परागत वार्षिक भुगतान वाले मंदिर। |
5 |
वार्षिकी (एन्यूइटी) प्राप्त मंदिर |
मन्दिरों/मठों की जागीरों के पुनर्ग्रहण के फलस्वरूप जागीर विभाग द्वारा निर्धारित वार्षिकी (एन्यूटी) वाले मंदिर। |
6 |
मंदिर मंडल अधिनियम के अंतर्गत मंदिर |
ऐसे मंदिर जिनके लिए पृथक से विशेष मंदिर मण्डल अधिनियम बनाये गये हैं। ऐसे मंदिरों की संख्या केवल दो हैः-
- श्रीनाथ जी मंदिर, नाथद्वारा, राजसमंद, राजस्थान
- साँवलिया जी मंदिर, चितौडगढ़, राजस्थान
|
7 |
प्रन्यास के अधीन मंदिर |
राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम 1959 के प्रावधानों के अन्तर्गत गठित प्रन्यासों (ट्रस्टों) के अधीन मंदिर। इनमें कुछ मंदिर सुपुर्दगी श्रेणी के मंदिर भी हैं। |
8 |
ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यमान माफी/कृषि भूमि वाले अपंजीकृत/पंजीकृत मंदिर |
राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे मंदिर भी हैं जो न तो देवस्थान विभाग के प्रत्यक्ष रूप से अधीन है और न ही देवस्थान विभाग में राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम के अन्तर्गत गठित प्रन्यासों (ट्रस्टों) के अधीन हैं। इनके प्रबंधन हेतु प्रशासनिक सुधार विभाग के आदेश दिनांक 07.12.2009 के अन्तर्गत उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय समिति गठित हैं। |
विभाग के पर्यवेक्षणाधीन/अनुदानित मंदिर, प्रन्यास, धर्मशालायें व परिसंपत्तियाँ निम्नानुसार हैं-
देवस्थान विभाग के पर्यवेक्षणाधीन/अनुदानित मंदिर, प्रन्यास, धर्मशालायें व परिसंपत्तियाँ |
क्रम सं. |
मंदिर/ संपदा/संस्था |
संख्या |
राजस्थान राज्य में स्थित |
राज्य से बाहर अन्य प्रदेशों में स्थित |
A |
मंदिर |
1 |
राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार श्रेणी मंदिर |
390 |
365 |
25 |
2 |
राजकीय आत्म निर्भर श्रेणी मंदिर |
203 |
187 |
16 |
3 |
राजकीय सुपुर्दगी श्रेणी मंदिर |
343 |
305 |
38 |
4 |
राजकीय सहायता प्राप्त मंदिर |
10009 |
9935 |
74 |
5 |
वार्षिकी (एन्यूटी) प्राप्त मंदिर |
48466 |
48466 |
|
6 |
मंदिर मंडल अधिनियम के अंतर्गत मंदिर |
2 |
2 |
|
B |
किराये योग्य संपदा/भवन |
1 |
किराये योग्य संपदा/भवन (आवासीय) |
625 |
544 |
81 |
2 |
किराये योग्य संपदा/भवन (व्यावसायिक) |
1608 |
1498 |
110 |
3 |
किराये योग्य संपदा/भवन (राजकीय) |
45 |
45 |
0 |
4 |
अन्य |
3 |
3 |
|
|
योग |
2281 |
2090 |
191 |
C |
धर्मशालायें |
17 |
11 |
6 |
D |
पंजीकृत प्रन्यास |
9606 |
9606 |
0 |
भाग-02
देवस्थान विभाग की वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था
शासन सचिवालय |
क्र0सं0 |
मंत्री महोदय/नाम अधिकारी |
दूरभाष नं0 कार्यालय |
ई- मेल आई.डी. |
1 |
श्री अशोक गहलोत
माननीय मुख्यमंत्री
राजस्थान सरकार
|
0141-2227656
0141-2227647
|
cmrajasthan@nic.in |
2 |
श्री गोविन्दय सिंह डोटासरा जी, राज्यगमंत्री |
0141-2227538
0141-5153222
EX -21295
|
|
3. |
श्री आलोक गुप्ता , IAS
प्रमुख शासन सचिव
|
0141-2227587
0141-5153222
EX -21421
|
ps.devasthan@rajasthan.gov.in |
4. |
श्री मातादीन मीणा,
विशिष्ठ सहायक माननीय राज्य मंत्री, देवस्थान विभाग
|
0140-2227538
0141-5153222
EX- 21295
|
|
5. |
श्री अजय सिंह राठौड,
संयुक्त शासन सचिव,
देवस्थान विभाग, सचिवालय
|
0141-2385215
0141-5153222
EX-23655
|
ds.devasthan.secy@rajasthan.gov.in |
6. |
श्रीमती सुमन कपूर,
उप शासन सचिव,
देवस्थान विभाग, सचिवालय
|
0141-2385215
0141-5153222
EX- 23022
|
ds.devasthan.secy@rajasthan.gov.in |
7. |
श्री गौतम बैनर्जी,
ए.सी.पी. (उप निदेशक),
देवस्थान विभाग, सचिवालय
|
0141-2385215
0141-5153222
EX- 23654 |
gbanerjee.doit@rajasthan.gov.in |
8. |
श्री विनोद प्रधान,
सहायक शासन सचिव,
(सहायक शासन सचिव पद के विरुद्ध)
देवस्थान विभाग, सचिवालय
|
0141-2385215
0141-5153222
EX- 24163
|
ds.devasthan.secy@rajasthan.gov.in |
आयुक्त कार्यालय |
क्र0सं0 |
नाम अधिकारी |
दूरभाष नं0 कार्यालय |
ई- मेल आई.डी. |
1 |
श्री राजेन्द्र भट्ट, IAS
आयुक्त
|
0294-2426130, 2524813,
फैक्स: 0294-2423440
|
hq.dev@rajasthan.gov.in |
2 |
श्री ओ.पी जैन,
अतिरिक्त आयुक्त
|
0294-2410330 |
hq.dev@rajasthan.gov.in |
3 |
श्री गणेशी लाल जाट,
मुख्य लेखाधिकारी |
0294-2417844 |
hq.dev@rajasthan.gov.in |
4 |
श्री सुनील मत्तड़, उपायुक्त |
0294-2524813 |
hq.dev@rajasthan.gov.in |
5 |
श्रीमति सीमा माहेश्वरी,
उपविधि परामर्शी
|
0294-2410320 |
hq.dev@rajasthan.gov.in |
6 |
सुश्री दीपिका मेघवाल |
0294-2524813 |
hq.dev@rajasthan.gov.in |
सहायक आयुक्त कार्यालय |
क्र.सं. |
सहायक आयुक्त का मुख्यालय |
कार्य-क्षेत्र (जिले एवं राज्य) |
कार्यालय के दूरभाष नंबर |
ई.मेल आई डी संख्या |
1 |
सहायक आयुक्त, (मुख्यालय) उदयपुर |
उदयपुर (मुख्यालय) |
0294.2524813 |
hq.dev@rajasthan.gov.in |
2 |
सहायक आयुक्त (प्रथम), जयपुर |
जयपुर एवं दौसा जिले |
0141.2614404 |
AC.JAIPUR1.DEV@RAJASTHAN.GOV.IN |
3 |
सहायक आयुक्त (द्वितीय) जयपुर |
सीकर, झुन्झुनूं एवं अलवर जिले । |
0141.2611341 |
AC.JAIPUR2.DEV@RAJASTHAN.GOV.IN |
4 |
सहायक आयुक्त, भरतपुर |
भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर एवंकरोली जिले । |
05644.228405 |
AC.BHARATPUR.DEV@RAJASTHAN.GOV.IN |
5 |
सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, जोधपुर |
जोधपुर,पाली,बाड़मेर, जालौर, सिरोही एवं जैसलमेर जिले । |
0291.2650361 |
AC.JODHPUR.DEV@RAJASTHAN.GOV.IN |
6 |
सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, बीकानेर |
बीकानेर एवं चूरू जिले। |
0151.2226711 |
AC.BIKANER.DEV@RAJASTHAN.GOV.IN |
7 |
सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, हनुमानगढ़ |
श्री गंगानगर एवं हनुमानगढ़ जिले |
01552.230110 |
AC.HANUMANGARH.DEV@RAJASTHAN.GOV.IN
AC.HMN.DEV@RAJASTHAN.GOV.IN |
8 |
सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, उदयपुर |
उदयपुर, (तहसील खैरवाड़ा व ऋषभदेव को छोडकर) चितौड़गढ़ प्रतापगढ़ एवं राजसमंद जिले। |
0294.2420546 |
AC.UDAIPUR.DEV@RAJASTHAN.GOV.IN |
9 |
सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, कोटा |
कोटा, बूंदी, झालावाड एवं बारां जिले । |
0744.2326031 |
AC.KOTA.DEV@RAJASTHAN.GOV.IN |
10 |
सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, ऋषभदेव, जिला उदयपुर |
उदयपुर जिले की खैरवाडा व ऋषभदेव तहसीलें तथा डूंगरपुर और बांसवाडा जिले एवं गुजरात तथा महाराष्ट्र राज्यो में स्थित विभागीय मंदिर व संपदायें। |
02907. 230023 |
AC.RISHBDEV.DEV@RAJASTHAN.GOV.IN |
11 |
सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, अजमेर |
अजमेर, नागौर, टोंक, भीलवाड़ा |
0145.2625423 |
AC.AJMER.DEV@RAJASTHAN.GOV.IN |
12 |
सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, वृन्दावन |
उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड एवं दिल्ली राज्यों में स्थित विभागीय मंदिर और संपदायें। |
0565.2455146 |
AC.VRINDAVAN.DEV@RAJASTHAN.GOV.IN |
राज्य सेवा में संवर्गवार स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों का विवरण
(दिनांक 31/12/2020 तक)
क्र.सं. |
नाम पद |
संवर्ग |
स्वीकृत पद |
कार्यरत |
रिक्त पद |
वि0 वि0 |
1 |
आयुक्त |
भारतीय प्रशासनिका सेवा |
1 |
1 |
0 |
|
2 |
अतिरिक्त आयुक्त |
राजस्थान प्रशासनिक सेवा |
1 |
1 |
0 |
|
3 |
मुख्य लेखाधिकारी |
राजस्थान लेखा सेवा |
1 |
1 |
0 |
|
4 |
उप विधि परामर्शी |
राजस्थान विधि सेवा |
1 |
1 |
0 |
|
5 |
उपायुक्त |
राजस्थान देवस्थान सेवा |
1 |
1 |
0 |
|
6 |
सहायक आयुक्त |
राजस्थान देवस्थान राज्य सेवा |
12 |
10 |
2 |
|
7 |
अतिरिक्त निजी सचिव सचिव, (मुख्यालय) |
राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय मंत्रालयिक सेवा |
1 |
1 |
0 |
|
8 |
तहसीलदार |
राजस्थान तहसीलदार सेवा |
1 |
0 |
1 |
|
9 |
लेखाधिकारी |
राजस्थान लेखा सेवा |
2 |
1 |
1 |
|
10 |
सहायक लेखाधिकारी प्रथम |
राजस्थान अधीनस्थ लेखा सेवा |
1 |
0 |
1 |
|
11 |
निरीक्षक प्रथम श्रेणी |
राजस्थान देवस्थान अधीनस्थ सेवा |
15 |
2 |
13 |
|
12 |
निरीक्षक द्वितीय श्रेणी |
राजस्थान देवस्थान अधीनस्थ सेवा |
21 |
13 |
8 |
|
13 |
प्रशासनिक अधिकारी |
राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय मंत्रालयिक सेवा |
1 |
0 |
1 |
|
14 |
अति. प्रशासनिक अधिकारी |
राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय मंत्रालयिक सेवा |
3 |
0 |
3 |
|
15 |
सहायक प्रशासनिक अधिकारी |
राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय मंत्रालयिक सेवा |
11 |
6 |
5 |
|
16 |
शीघ्र लिपिक |
राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय मंत्रालयिक सेवा |
2 |
0 |
2 |
|
17 |
वरिष्ठ सहायक |
राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय मंत्रालयिक सेवा |
23 |
16 |
7 |
|
18 |
कनिष्ठ सहायक |
राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय मंत्रालयिक सेवा |
29 |
26 |
3 |
|
19 |
सहायक लेखाधिकारी-।। |
राजस्थान अधीनस्थ लेखा सेवा |
14 |
9 |
5 |
|
20 |
सहायक अभियन्ता |
राजस्थान राज्य तकनीकी सेवा |
1 |
0 |
1 |
|
21 |
कनिष्ठ अभियन्ता |
राजस्थान अधीनस्थ तकनीकी सेवा |
1 |
0 |
1 |
|
22 |
कनिष्ठ लेखाकार |
राजस्थान अधीनस्थ लेखा सेवा |
4 |
3 |
1 |
|
23 |
कनिष्ठ विधि अधिकारी |
राजस्थान अधीनस्थ विधिक सेवा |
3 |
3 |
0 |
|
24 |
भू अभिलेख निरीक्षक |
राजस्व अधीनस्थ सेवा |
1 |
1 |
0 |
|
25 |
पटवारी |
राजस्व अधीनस्थ सेवा |
2 |
0 |
2 |
|
26 |
मैनेजर प्रथम श्रेणी |
राजस्थान देवस्थानअधीनस्थ सेवा |
11 |
0 |
11 |
|
27 |
मैनेजर द्वितीय श्रेणी |
राजस्थान देवस्थानअधीनस्थ सेवा |
14 |
2 |
12 |
|
28 |
पुजारी |
राजस्थान देवस्थानअधीनस्थ सेवा |
94 |
24 |
70 |
|
29 |
सेवागीर |
राजस्थान देवस्थानअधीनस्थ सेवा |
144 |
62 |
82 |
|
30 |
जमादार |
राजस्थान चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सेवा |
4 |
0 |
4 |
|
31 |
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी |
राजस्थान चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सेवा |
48 |
29 |
19 |
|
|
योग :- |
|
468 |
213 |
255 |
|
निधि सेवा में स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की स्थिति
(दिनांक 31.12.2020 तक)
क्र.सं. |
पदनाम |
स्वीकृत पद |
कार्यरत |
रिक्त पद |
वेतन श्रृंखला |
पे बैण्ड |
ग्रेड पे |
1 |
कनिष्ठ लेखाकार |
1 |
0 |
1 |
3080-90-3980-110-6180 |
2 |
फोर्स अधिकारी/सुरक्षा अधिकारी |
2 |
0 |
2 |
2750-90-3650-110-5850 |
3 |
मुंतजिम/प्रभारी अधिकारी |
2 |
0 |
2 |
2750-90-3650-110-5850 |
4 |
क0 प्रारूपकार |
1 |
1 |
0 |
5200-20200 |
2800 |
5 |
निधि लिपिक |
36 |
14 |
22 |
5200-20200 |
2400 |
6 |
वाहन चालक |
3 |
3 |
0 |
5200-20200 |
2400 |
7 |
हवलदार/जमादार/ दरोगा/ गुमाश्ता |
3 |
1 |
2 |
5200-20200 |
1900 |
8 |
सिपाही |
66 |
46 |
20 |
5200-20200 |
1700 |
9 |
प्रबंधक |
13 |
6 |
7 |
5200-20200 |
1900 |
10 |
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी |
13 |
8 |
5 |
5200-20200 |
1700 |
11 |
पुजारी |
12 |
5 |
7 |
5200-20200 |
1700 |
12 |
मुखिया |
15 |
4 |
11 |
5200-20200 |
1700 |
13 |
अन्यः-
हवलदार, जमादार, दरोगा, मुखिया, सेवागीर, छड़ीदार, फर्राश, सईस, स्नानघर पर, चौकीदार, प्रहरी, हरिजन, गोटेदार, बागबान |
56 |
27 |
29 |
5200-20200 |
1700 |
|
योगः- |
223 |
115 |
108 |
|
|
जिला स्तर निरीक्षक कार्यालय |
1 |
निरीक्षक, देवस्थान |
अलवर |
2 |
निरीक्षक, देवस्थान |
करौली |
3 |
निरीक्षक, देवस्थान |
धौलपुर |
4 |
निरीक्षक, देवस्थान |
बून्दी |
5 |
निरीक्षक, देवस्थान |
बांसवाड़ा |
भाग-3
देवस्थान विभाग से सम्बंधित प्रमुख नियम/अधिनियम
Major Acts & Rules Related to Devasthan Department
क्र.सं. |
अधिनियम व नियम |
विभाग से सम्बंधित सामान्य अधिनियम व नियम |
1 |
सहायता अनुदान नियम, 1958 |
Grant in Aid Rules, 1958 |
2 |
राजस्थान देवस्थान निधि सेवा नियम, 1959 |
Rajasthan Fund Service Rules 1959 |
3 |
राजस्थान देवस्थान निधि बजट एवं लेखा नियम, 2015 |
Rajasthan Nidhi Budget and Account Rules, 2015 |
4 |
राजस्थान लोक न्यास अधिनियम, 1959 |
Rajasthan Public Trust Act 1959 |
5 |
राजस्थान लोक न्यास नियम, 1962 |
Rajasthan Public Trust Rules 1962 |
6 |
राजस्थान देवस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम, 2000 |
Rajasthan Devasthan State and Subordinate Service Rules, 2000 |
7 |
राजस्थान मंदिर व धार्मिक एवं दातव्य संस्था अनुदान नियम, 2010 |
Rajasthan Grant In Aid to Temples And Other Religious and Charitable Institution Rules, 2010 |
मंदिर विशेष से सम्बंधित अधिनियम व नियम |
1 |
नाथद्वारा मंदिर मण्डल अधिनियम, 1959 |
Nathdwara Temple Board Act 1959 |
2 |
नाथद्वारा मंदिर मण्डल नियम, 1973 |
Nathdwara Temple Board Rules, 1973 |
3 |
सांवलिया जी मंदिर मण्डल नियम, 1991 |
Sanwariaji Temple Board Rules, 1991 |
4 |
सांवलिया जी मंदिर मण्डल अधिनियम , 1992 |
Sanwariaji Temple Board Act, 1992 |
अन्य सामान्य अधिनियम व नियम |
1 |
राजस्थान सार्वजनिक भू-गृहादि (अप्राधिकृत अधिवासियों की बेदखली) अधिनियम, 1964 |
Rajasthan Public Premises (Eviction of Unauthorized Occupants) Act, 1964 |
2 |
राजस्थान सार्वजनिक भू-गृहादि (अप्राधिकृत अधिवासियों की बेदखली) नियम, 1966 |
Rajasthan Public Premises (Eviction of Unauthorised Occupants) Rules, 1966 |
3 |
देवस्था विभाग से संबंधित मन्दिरों के जेवर, सोना, चांदी, जेवरात व सोना चांदी के बर्तनों की सुरक्षा नियम, 1970 |
Rules for Security of Jewellery Golden, Silver ornaments and Untensil of the Temple releted to Devasthan Department, 1970 |
भारत सरकार के न्यास व धर्मस्थल से सम्बंधित प्रमुख अधिनियम और नियम* |
1 |
The Religious Endowments Act, 1863 |
2 |
The Charitable Endowments Act, 1890 |
3 |
The Indian Trusts Act, 1882 |
4 |
The Charitable and Religious Trusts Act, 1920 |
|
* संदर्भार्थ |
भाग-4
देवस्थान विभाग का बजट प्रावधान, विभाग द्वारा राजस्व संग्रहण एवं निर्माण कार्य -
वर्ष 2020-21 में बजट प्रावधान एवं व्यय (दिसम्बर 2020 तक) की स्थितिः-
राज्य योजना मद
( राशि लाखों मे )
विवरण |
2020-21 |
आवंटन राशि |
व्यय राशि |
मंदिरों के जीर्णोद्धार, मरम्मत एवं विकास कार्य |
260.66 |
42.44 |
वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजनाए मोक्ष कलश योजना |
1400.00 |
629.38
( 340.00 लाख मोक्ष कलश योजना हेतु ) |
कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा योजना |
100.00 |
- |
ट्रस्ट मंदिर सहायता योजना |
354.72 |
100.00 |
योग :- |
2115.38 |
771.82 |
वर्ष 2020-21 में उपलब्ध बजट प्रावधान एवं व्यय की स्थिति
राज्य आयोजना मद
( राशि लाखों मे )
क्र.सं. |
|
बजट शीर्ष |
बजट प्रावधान
|
व्यय राशि दिसम्बर 2020 तक |
प्रयोजन |
1 |
1 |
4250-00-800--03--(00)-72 (विभाग के माध्यम से निर्माण कार्य) |
37.66 |
0.00 |
निर्माण एवं विकास कार्य हेतु |
2 |
4250-00-796--(03) (00) 72 (टीएसपी क्षेत्र के मन्दिर के जीर्णोद्धार विकास कार्य विभाग के माध्यम से) |
25.00 |
0.00 |
3 |
2 |
4250-00-800--(02) (90) उपमद-17 पीडब्ल्युडी के माध्यम से तीर्थ यात्रियों के लिए वृहद निर्माण कार्य |
198.00 |
42.44 |
4 |
4250.00.796-(03)(00)-PWD TSP |
0.00 |
0.00 |
5 |
3 |
2250 - ट्रस्ट सहायता TSP |
0.00 |
0.00 |
6 |
2250-00-800-03 (सहायता अनुदान) ट्रस्ट |
354.72 |
100.00 |
7 |
4 |
2250-00-800-02-01(Non TSP) वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना एवं मोक्ष कलश योजना 2250-00-796-01-01(TSP)
2250-00-789-02-01(SCSP) |
1400.00 |
629.38 |
तीर्थ यात्रा योजना हेतु
(मोक्ष कलश योजना सहित) |
8 |
5 |
2250-00-800-02-02(Non TSP)
2250-00-796-03-01(TSP)
2250-00-789-01-01(SCSP)
कैलाश मानसरोवर यात्रा योजना |
100.00 |
68.00 |
|
|
योग - |
2115.38 |
771.82 |
|
वित्तीय राशि आवंटन एवं व्यय का विवरण
वर्ष 2020-21
सूचना- दिसम्बर 2020 तक
(राशि लाखों में)
|
आवंटन |
व्यय |
क्र. सं. |
वर्ष |
निर्माण |
अन्य योजना |
योग |
वर्ष |
निर्माण |
अन्य योजना |
योग |
1 |
2018-19 |
872.37 |
1606.83 |
2479.20 |
2018-19 |
667.65 |
1306.31 |
1973.96 |
2 |
2019-20 |
534.35 |
1500.00 |
2034.35 |
2019-20 |
377.32 |
1335.96 |
1713.28 |
3 |
2020-21 (दिस. 20 तक) |
615.38 |
1500.00 |
2115.38 |
2020-21 (दिस. 20 तक) |
142.44 |
629.38 |
771.82 |
राज्य मद (योजना) एवं राज्य मद के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 एवं 2020-21 तक बजट प्रावधान एवं व्यय
राशि का विवरणः-
राज्यमद (योजना)
क्र.सं. |
वर्ष |
बजट शीर्ष |
प्रावधित राशि रुपये लाखों में |
व्यय राशि रुपये
लाखों में |
विशेष विवरण |
1 |
2018 -19
|
4250-00-800-03-00
4250-00-800-02-90
4250-00-796-04-00
4250-00-796-03-90 |
454.37 |
384.65 |
मन्दिर मरम्मत एवं जीर्णोद्धार एवं श्रद्धालुओं की सुविधार्थ विकास कार्य
[ capital outlay] |
2 |
2250-00-800-03-00(ट्रस्ट मंदिरों को सहायता) |
418.00 |
283.00
|
ट्रस्ट मंदिरों केविकास कार्य हेतु सहायता अनुदान [ Assist to Trust Temple] |
3 |
2250-00-800-02-01 |
1430.83 |
1143.31 |
वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा एवं सिंधु दर्शन तीर्थ यात्रा योजना के संचालन हेतु |
4 |
2250-00-800-02-02 |
176.00 |
163.00 |
कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा योजना |
5 |
2019-20 |
4250-00-800-03-00
4250-00-800-02-90
4250-00-796-04-00
4250-00-796-03-90 |
454.35 |
297.32 |
मन्दिर मरम्मत एवं जीर्णोद्धार एवं श्रद्धालुओं की सुविधार्थ विकास कार्य |
6 |
2250-00-800-03-00(ट्रस्ट मंदिरों को सहायता) |
80.00 |
80.00 |
ट्रस्ट मंदिरों के विकास कार्य हेतु सहायता अनुदान [ Assist to Trust Temple] |
7 |
|
2250-00-796-02-01 (ट्रस्ट मंदिरों को सहायता, टी.एस.पी.) |
0.0 |
0.0 |
ट्रस्ट मंदिरों केविकास कार्य हेतु सहायता अनुदान TSP[ Assist to Trust Temple] |
8 |
|
2250-00-800-02-01 |
1400.00 |
1263.96 |
वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा एवं सिंधु दर्शन तीर्थ यात्रा योजना के संचालन हेतु |
9 |
|
2250-00-800-02-02 |
100.00 |
72.00 |
कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा योजना |
10 |
2020-21 |
4250-00-800-03-00
4250-00-800-02-90
4250-00-796-04-00
4250-00-796-03-90
(मरम्मत-जीर्णोद्धार) |
260.66 |
42.44 |
मन्दिर मरम्मत एवं जीर्णोद्धार एवं श्रद्धालुओं की सुविधार्थ विकास कार्य
Exp. upto Dec 2020 |
11 |
|
2250-00-800-03-00
(प्रन्यास मंदिरो की सहायता) |
354.72 |
100.00 |
ट्रस्ट मंदिरों के विकास कार्य हेतु सहायता अनुदान [ Assist to Trust Temple] Exp. upto Dec 2020 |
12 |
|
2250-00-800-02-01
(वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना एवं मोक्ष कलश) |
1400.00 |
629.38 |
वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा एवं मोक्ष कलश योजना के संचालन हेतु Exp. upto Dec 2020 |
13 |
|
2250-00-800-02-02
(कैलाश मानसरोवर तीर्थ) |
100.00 |
0 |
कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा योजना Exp. upto Dec 2020 |
|
|
योग |
2115.38 |
771.82 |
|
राज्यमद
क्र.सं. |
वर्ष |
बजट शीर्ष |
प्रावधित राशि (लाखों में) |
व्यय राशि (लाखों में) |
विशेष विवरण |
1 |
2018-19 |
2250 राज्यमद |
2043.89 |
1828.61 |
कार्मिकों के वेतन भत्ते मन्दिर संस्कृति एवं अनुरक्षण व्यय(31.12.2018 तक) |
|
|
3604 एन्यूटी |
13.72 |
8.70 |
वेतन भत्ते एवं एन्यूटी भुगतान 31.12.2018 तक) |
2 |
2019-20 |
250 राज्यमद |
2035.82 |
1622.75 |
कार्मिको के वेतन भत्ते, सराय मद के वेतन भत्ते, मंदिर संस्कृति एवं अनुरक्षण |
|
|
3604 एन्यूटी |
11.01 |
6.88 |
वेतन भत्ते एवं एन्यूटी |
3 |
2020-21 |
250 राज्यमद |
2220.34 |
1202.59 |
कार्मिको के वेतन भत्ते, सराय मद के वेतन भत्ते, मंदिर संस्कृति एवं अनुरक्षण व्यय (31.12.2020 तक ) |
|
|
3604 एन्यूटी |
15.05 |
3.5 |
वेतन भत्ते एवं एन्यूटी (31.12.2020 तक ) |
निधि मद
(राशिलाखों मे)
विवरण |
2019-20 |
2020-21 |
आवंटन
राशि |
व्यय राशि |
आवंटन
राशि |
व्यय (राशि दिस.20 तक) |
मंदिरों के जीर्णोद्धार, मरम्मत एवं विकास कार्य |
527.03 |
115.00 |
1461.85 |
1099.00 |
विभागीय बजट की विगत 3वर्षों की राजस्व प्राप्ति की तुलनात्मक स्थितिः-
(लाखों में)
मद |
आवंटित लक्ष्य वर्ष 2018-19 |
राजस्व प्राप्ति वर्ष 2018-19 |
आवंटित लक्ष्य वर्ष 2019-20 |
राजस्व प्राप्ति वर्ष 2019-20 |
आवंटित लक्ष्य वर्ष 2020-21 |
राजस्व प्राप्ति वर्ष 2020-21 |
राजकीय |
341.00 |
309.76 |
340.74 |
269.01 |
354.05 |
164.19 |
संयुक्त निधि |
1195.00 |
922.52 |
1114.77 |
1341.04 |
1060.43 |
163.41 |
योग |
1536.00 |
1232.28 |
1455.51 |
1610.05 |
1414.48 |
327.6 |
राजस्व संग्रहण की स्थितिः-
विभाग द्वारा आलोच्य वर्ष 2020-21 में राजस्व की प्राप्ति निम्नानुसार की गई हैः-
राशि (लाखों में)
मद |
वर्ष 2020-21 |
आवंटित लक्ष्य |
राजस्व प्राप्ति
(31-12-2020 तक) |
राजकीय |
354.05 |
164.19 |
संयुक्त निधि |
1060.43 |
224.78 |
देवस्थान विभाग की विनियोजित राशि :-
देवस्थान विभाग द्वारा प्रबंधित एवं नियंत्रित राजकीय आत्म निर्भर श्रेणी के मंदिरों की आय मय ब्याज राशि एवं मंदिरों की मुआवजा राशि जो प्राप्त हुई है, उसका विनियोजन माह 12/2020 तक का निम्न प्रकार है :-
क्र.सं. |
विवरण |
31 मार्च 2020 को शेष राशि |
जमा राशि (लाखों में) 31 दिसम्बर 2020 तक |
1 |
राजकीय कोषालय निजी निक्षेप ब्याज खाता 1029 |
5676.55 |
4930.66 |
2 |
राजकीय कोषालय निजी निक्षेप ब्याज खाता (मुआवजा राशि) ब्याज सहित 5644 |
615.98 |
7108.98 |
3 |
राजकीय कोषालय निजी निक्षेप बिना ब्याज खाता 1014 |
504.11 |
5.06 |
नोट. देवस्थान विभाग को ऑनलाइन दान सहयोग राशि प्राप्त करने हेतु पृथक से बैंक एकाउंट संख्या 37540819464 भारतीय स्टेट बैंक शाखा कोषालय, उदयपुर शहर IFSC Code SBIN0031823 में खुला हुआ है, जिसमें दिसम्बर तक शेष राशि 2,09,777/- है ।
अराजकीय मन्दिरों की मुआवजा राशि हेतु पृथक से निजी निक्षेप खाताः-
राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम,1959 के प्रावधानों के अनुसार सार्वजनिक मन्दिर लोक न्यास की परिभाषा में आने से अधिनियम की धारा 37 के तहत आयुक्त, देवस्थान को राजस्थान राज्य में स्थित समस्त पुण्यार्थ संस्थाओं के कोषाध्यक्ष की शक्तियां प्रदत्त होने से विभाग में जमा 7108.98 लाख रुपये दिनांक 31.12.2020 तक अराजकीय मन्दिरों की भूमि अवाप्ति के फलस्वरूप प्राप्त मुआवजा राशि पर प्रभावी पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण हेतु पृथक से कोषालय उदयपुर में निजी निक्षेप खाता वित्त विभाग(मार्गोपाय अनुभाग) के आदेश क्रमांक प. 8(7)वि.मा/2008 दिनांक 5.4.2012 की अनुपालना में नवीन रूप से खुलवाया जाकर संधारित किया जा रहा है।
निर्माण कार्य
जिलावार देवस्थान विभाग के माध्यम से तीर्थ स्थलों व मंदिरों के विकास पर विहित कुल राशि )
(प्रगतिरत कार्य)
क्र.सं. |
मंदिर |
स्थान, जिला |
कुल विकास राशि (राशि लाख में) |
1 |
2 |
3 |
4 |
1 |
मंदिर श्री झरणेश्वर महादेव जी |
झालावाड़ |
60.00 |
2 |
मंदिर श्री डिग्गी कल्याण जी] मालपुरा |
टोंक |
500.00 |
3 |
मंदिर श्री राजकालेश्वर जी |
टोंक |
371.14 |
4 |
मंदिर श्री बैणेश्वर धाम |
डूंगरपुर |
1133.68 |
5 |
मंदिर श्री केश्वराय जी केश्वरायपाटन |
बूंन्दी |
546.75 |
6 |
मंदिर श्री कृष्णाय माता जी किशनगढ |
बांरा |
52.00 |
7 |
मंदिर श्री मंगलेश्वर जी मगरदा नदी के समीप] कुशलगढ |
बांसवाडा |
100.00 |
8 |
मंदिर श्री सिद्धि विनायक |
बांसवाडा |
25.00 |
9 |
मंदिर श्री नागणेची जी पचपदरा (द्वितीय चरण) |
बाडमेर |
225.00 |
|
|
योग- |
3013.57 |
विभागीय संयुक्त निधि मद से वर्ष 2020-21 में स्वीकृत मंदिरों के जीर्णोद्धार, मरम्मत एवं संधारण तथा नया निर्माण का विवरण जो वर्तमान में प्रगतिरत है ।
क्र.सं. |
नाम मंदिर |
शासन की स्वीकृति क्रमांक/दिनांक |
स्वीकृत राशि (लाखों में) |
1 |
मंदिर श्री घोटिया आम्बा तीर्थस्थल के सौन्दर्यकरण एवं विकास कार्य |
प.3(15)देव/ 2014 दिनांक 22.4.2015 |
267.92 |
2 |
मंदिर श्री रूपनारायण जी सैवन्त्री के सौन्दर्यकरण एवं विकास कार्य |
प.3(15)देव/ 2014 दिनांक 18.4.2015 (एफ 15(3) लेखा/निधि/देव/2016-17/6122 दिनांक 24.04.2017) |
735.00 |
3 |
गढ़बोर राजकीय आत्म निर्भर मंदिर चारभुजा जी, जिला राजसमन्द। |
प.12(7)देव/2016 दिनांक 20.10.2016 |
1172.00 |
4 |
राजकीय आत्म निर्भर जी मंदिर श्री बिहारी जी, भरतपुर में वृहद निर्माण एवं विकास कार्य |
प.4(4)देव/2017 दिनांक 28.07.2017 |
1030.18 |
5 |
मंदिर श्री भीम परमेश्वर जी, चांदपोल बाहर, उदयपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
10.00 |
6 |
मंदिर श्री बैजनाथ जी, उदयपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
25.00 |
7 |
मंदिर श्री भीम मोहन जी, पासवान गली,उदयपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
10.00 |
8 |
मंदिर श्री एंजन स्वरूप जी, उदयपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
5.00 |
9 |
मंदिर श्री पशुपतेश्वर जी, गोवर्द्धन विलास, उदयपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
5.00 |
10 |
मंदिर श्री हनुमान जी, कोर्ट चौराहा, उदयपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
5.00 |
11 |
मंदिर श्री भोजनाथ महादेव जी, उदयपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
4.00 |
12 |
मंदिर श्री सरदार स्वरूप जी, उदयपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
5.00 |
13 |
मंदिर श्री चारभुजा जी, शिवरती मार्ग, उदयपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
5.00 |
14 |
मंदिर श्री मथुराधीश जी, अलवर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
30.00 |
15 |
मंदिर श्री अन्नतराम जी प्यारेराम जी, बारा, कोटा |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
15.00 |
16 |
मंदिर श्री सिंगोली श्यामजी, सिंगोली, भीलवाड़ा |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
8.00 |
17 |
मंदिर श्री मदन मोहन जी, किशनगढ़, अजमेर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
10.00 |
18 |
मंदिर श्री कुंज बिहारी जी, कटला बाजार, जोधपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
20.00 |
19 |
मंदिर श्री लाला जी महाराज जी, बिहारी जी मंदिर के पास, किला भरतपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
50.00 |
20 |
मंदिर श्री कैलादेवी जी, झील का बाड़ा, बयाना ( भरतपुर से 33 कि.मी. बयाना ) |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
15.00 |
21 |
मंदिर श्री गोपाल जी नदिया,दत्ता गेस्ट हाउस के सामने, नदिया मौहल्ला, भरतपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
30.00 |
22 |
मंदिर श्री मोहन जी, अटलबन्द, पुरानी अनाज मण्ड़ी अटलबंध, भरतपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
20.00 |
23 |
मंदिर श्री चिमना जी, केतन दरवाजा भरतपुर, मौहल्ला गोपालगढ़, केतन गेट के पास, भरतपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
20-00 |
24 |
मंदिर श्री रघुनाथ जी विरक्त बुद्ध की हाट, भरतपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
20-00 |
25 |
मंदिर श्री मदन मोहन जी टांड़ा, राजकीय संग्रहालय के नीचे किला भरतपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
20-00 |
26 |
मंदिर श्री हनुमान जी, अटलबन्द, पुरानी अनाज मण्ड़ी अटलबन्द, भरतपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
20-00 |
27 |
मंदिर श्री बालानन्द जी, धीमर मौहल्ला बीनारायण गेट के पास, भरतपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
30-00 |
28 |
मंदिर श्री जानराय जी, खपाटिया, कुम्हेर गेट रोड़, कोतवाली बाजार, भरतपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
20-00 |
29 |
मंदिर श्री सिरकी वाले हनुमान जी, बुद्ध की हाट, भरतपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
50-00 |
30 |
मंदिर श्री लक्ष्मण जी, कुम्हेर, कुम्हेर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
60-00 |
31 |
मंदिर श्री गोपाल जी, गांव पैघोर, तहसील कुम्हेर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
53-00 |
32 |
मंदिर श्री लक्ष्मीनारायण जी, सांखू, चुरू |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
10-00 |
33 |
छः मंदिर कोलायत, बीकानेर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
20-00 |
34 |
मंदिर श्री करणी जी, सूरसागर, बीकानेर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
3-00 |
35 |
मंदिर श्री भैरू जी, सूरसागर, बीकानेर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
2-00 |
36 |
मंदिर श्री ऋषभदेव जी, |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
50-00 |
37 |
मंदिर श्री भद्रकाली जी हनुमानगढ़ |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 17.10.2019 |
10-00 |
38 |
मंदिर श्री लक्ष्मण डीग भरतपुर |
प.4(4)देव/2018/जयपुर दिनांक 11.06.2020 |
40-00 |
39 |
मंदिर श्री ऋषभदेवजी, ऋषभदेव, उदयपुर |
प.4(4)देव/2020/जयपुर दिनांक 24.09.2020 |
100-00 |
40 |
मंदिर श्री गोगाजी गोगामेडी, हनुमानगढ |
प.4(4)देव/2016/जयपुर दिनांक 07.08.2019 |
43-72 |
|
योग |
4048.82 |
बजट घोषणायें वर्ष 2020-21
Budget Announcements of Devasthan Department
बजट पैरा |
क्र.सं. |
बजट घोषणा |
वर्तमान स्थिति |
198 |
1 |
जैसाकि विदित है राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना 2019 में इस बात को सुनिष्चित किया जायेगा कि प्रदेष से समानुपातिक भागीदारी के रूप में हर क्षेत्र से वरिष्ठ नागरिकों को लाभान्वित किया जावे, साथ ही अगले वर्ष इस योजना का विस्तार भी प्रस्तावित है। |
कोविड-19 के कारण यह योजना वर्ष 2020 में स्थगित रखी गयी है। 2020-21 में
1.दिल्ली-आगरा एवं
2. इलाहाबाद-वाराणसी सर्किट जोडे जा रहे है। |
320
(पुनर्विनियोजन बिल पर चर्चा के समय
13.03.2020 ) |
|
उदयपुर जिले के ऋषभदेव मंदिर के विकास के लिए 1.00 करोड के रूपये का व्यय किया जायेगा। |
विकास कार्य हेतु राषि रू
1 करोड की देवस्थान संयुक्त निधि मद से स्वीकृति जारी की जाकर कार्यकारी ऐजेन्सी को कार्य करने हेतु निर्देषित किया जा चुका है। निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। |
भाग— 5
देवस्थान विभाग का आधुनिकीकरण
राजस्थान राज्य के प्रमुख मंदिरों एवं तीर्थ स्थलों से संबंधित सूचनाये देशी विदेशी पर्यटकों, एवं श्रद्धालुओं तक पहुंचाने हेतु देवस्थान विभाग द्वारा तैयार वेबसाइट www.devasthan.rajasthan.gov.in पर अद्यतन की जाती है।इस वर्ष इसे नया रूप देते हुए अधिकांश सूचनाओं को ऑनलाइन किया गया है. इसके साथ ही ई- केरूप में विभिन्न प्रक्रियाओं का ऑनलाईन अंकन एवं उनकी प्रोसेसिंग की सुविधा प्रदान की गयी है, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है-
क्र.सं. |
कार्य/सुविधा |
1 |
विभागीय पोर्टल का नवीन प्रारूप |
2 |
विभिन्न विभागीय योजनाओं नीतियों/नियमों, अभिलेखों की सरल जानकारी की सुविधा |
3 |
विभिन्न विभागीय योजनाओं के अन्तर्गत ऑनलाईन आवेदन एवं उसकी प्रोसेसिंग की सुविधा |
4 |
मंदिरों की जी.आई.एस. मैपिंग |
5 |
विभाग के द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों की मॉनिटरिंग करने एवं बनाए गए मास्टर प्लान को अपलोड करने की सुविधा |
6 |
जनसामान्य से दान/सहयोग की राशि ऑनलाईन लिये जाने की सुविधा |
7 |
विभाग द्वारा आयोजित किये जाने वाले मेलों/उत्सवों एवं कार्यक्रमों के कैलेण्डर के रूप में दर्ज किये जाने एवं प्रदर्शित किये जाने की सुविधा |
8 |
न्यायिक प्रकरणों के अपडेशन एवं निस्तारण हेतु सुविधा |
9 |
मंदिरों केसम्पदा रजिस्टर, इन्वेन्टरी रजिस्टर की स्कैनिंग |
10 |
मंदिरों में विद्यमान विभिन्न सामग्री एवं बहुमूल्य आभूषणों के इन्वेन्टरी मैनेजमेंट की सुविधा |
11 |
ट्रस्टों के अभिलेखों की स्कैनिंग |
12 |
ट्रस्टों के द्वारा सबमिट की जाने वाली नियमित सूचनाओं को प्रपत्र के रूप में दर्ज किये जाने एवं अपलोड किये जाने की सुविधा |
13 |
जिलेवार तहसीलों से प्राप्त मंदिर माफ़ी और डोली भूमि के अभिलेखों की स्कैनिंग |
14 |
मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों के महंतों/पुजारियों का समुचित डाटाबेस संधारित करने की व्यवस्था |
15 |
फाईल ट्रेकिंग सिस्टम |
भाग—6
देवस्थान विभाग द्वारा संचालित तीर्थ यात्रा योजनायें
क्र.सं. |
योजना का नाम |
तीर्थयात्रा हेतु
अनुदान राशि |
यात्रियों की सीमा |
1 |
कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा योजना |
कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा पर रूपये
1,00,000/- (अक्षरे एक लाख रूपये )
प्रति यात्री की सहायता। |
100 |
2 |
सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा योजना |
यात्रा पर हुए व्यय के 50 प्रतिशत की
प्रतिपूर्ति अधिकतम 10,000/- प्रति
तीर्थयात्री तक |
200 |
3 |
वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना |
वरिष्ठ नागरिकों को उनके जीवनकाल में
एक बार प्रदेश के बाहर देश में स्थित विभिन्न
नाम निर्दिष्ट तीर्थस्थानों में से किसी एक
स्थान की यात्रा |
10000 |
वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना 2020
1 |
योजना का नाम |
वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना |
2 |
योजना प्रारंभ वर्ष |
2013 (2016 से हवाई यात्रा को सम्मिलित करते हुये वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के नाम से) |
3 |
योजना का उद्देश्य व संक्षिप्त विवरण |
इस योजना का उद्देश्य राजस्थान के मूल निवासी वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति) को उनके जीवन काल में एक बार प्रदेश के बाहर देश में स्थित विभिन्न नाम निर्दिष्ट तीर्थ स्थानों में से किसी एक स्थान की यात्रा सुलभ कराने हेतु राजकीय सुविधा एवं सहायता प्रदान करना है। |
4 |
तीर्थ यात्रा हेतु अनुदान राषि |
स्वयं विभाग द्वारा यात्रा का आयोजन तथा निर्धारित यात्रा का व्यय वहन । |
5 |
योजना में कुल लाभार्थियों की विभागीय सीमा |
2020-21 में 9 हजार रेल से 1 हजार हवाई यात्रा से ।
इसमें देवस्थान विभाग द्वारा तीर्थ स्थल हेतु आवेदकों की संख्या तथा यात्रा की संभाव्यता के आधार पर उक्त संख्या तथा अनुपात में परिवर्तन किया जा सकेगा । |
6 |
तीर्थ स्थानों की सूची |
यात्रा हेतु तीर्थ स्थान इस प्रकार है :-
रेल द्वारा :-
- जगन्नाथपुरी 2- रामेश्वरम 3- तिरूपति] 4- द्वारकापुरी 5- वैष्णोदवी 6. इलाहाबाद-वाराणसी 7. दिल्ली.आगरा
हवाई जहाज द्वारा - पशुपतिनाथ मंदिर, काठमांडू (नेपाल)
|
वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना में यात्रा का संक्षिप्त विवरण
वर्ष |
रेल |
हवाई जहाज |
योग |
तीर्थ स्थलों की संख्या |
कुल व्यय (करोड में) |
2013-14 |
41390 |
- |
41390 |
13 |
53.01 |
2014-15 |
7023 |
- |
7023 |
13 |
11.28 |
2015-16 |
8710 |
0 |
8710 |
7 |
14.22 |
2016-17 |
8207 |
762 |
8969 |
11 |
15.00 |
2017-18 |
11312 |
4416 |
15728 |
13 |
28.10 |
2018-19 |
4019 |
3293 |
7312 |
17 |
11.43 |
2019-20 |
4558 |
3589 |
8147 |
17 |
12.65 |
2020-21 |
- |
- |
- |
- |
02.89
(पुरानी देनदारियाँ) |
वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना वर्ष 2020.21
कोरोना वायरस (Covid-19) के प्रभाव के कारण वर्ष 2020.21 के उक्त वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना का क्रियान्वयन स्थगित रखा गया है।
मोक्ष कलष योजना 2020
माननीय मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के अनुमोदन के पष्चात देवस्थान विभाग द्वारा आदेष के अनुसरण में मोक्ष कलश योजना 2020 प्रारम्भ की गई है। जिसके अन्तर्गत्त कोविड-19 महामारी के मध्यनजर परिवहन संसाधनों के सुचारू संचालन के अभाव में राज्य के गरीब परिवारों के मृत व्यक्तियों के गंगा जी में अस्थि विसर्जन हेतु रोडवेज की बसों के माध्यम से प्रति अस्थि कलश 2 व्यक्तियों को हरिद्धार की यात्रा करवायी जा रही है। उक्त योजना की कार्यकारी ऐजेंसी राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम है एवं इसका वित्त पोषण देवस्थान विभाग द्वारा किया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत RSRTC द्वारा किये गये समस्त व्ययों का पुनर्भरण देवस्थान विभाग द्वारा किया जा रहा है। योजना के तहत् राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा दि. 25.05.2020 से 31.12.2020 तक 12481 अस्थि कलश के साथ 24455 यात्रियों को निःशुल्क यात्रा करवायी जा चुकी है। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की मॉग अनुसार दिसम्बर 2020 तक कुल राशि रू 3.40 करोड का पुनर्भरण किया जा चुका है। RSRTC द्वारा उक्त योजना बाबत् वित्त वर्ष 2020-21 में राशि रूपये 3.95 करोड एवं वित्त वर्ष 2021-22 में राषि रूपये 7.50 करोड के व्यय की संभावना बताई है।
कैलाश मानसरोवर योजना
1 |
योजना का नाम |
कैलाश मानसरोवर यात्रा हेतु श्रद्धालुओं को सहायता |
2 |
योजना प्रारंभ वर्ष |
1 अप्रेल 2011 से |
3 |
योजना का उद्देश्य व संक्षिप्त विवरण |
विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से कैलाश मानसरोवर की यात्रा सफलतापूर्वक सम्पन्न करने वाले राजस्थान के स्थायी मूल निवासियों को श्रद्धालुओं को रूपये 1,00,000/- (अक्षरे एक लाख रूपये) प्रति यात्री की सहायता। |
4 |
तीर्थयात्रा हेतु अनुदान राशि |
रूपये 1,00,000/- (अक्षरे एक लाख रूपये) प्रति यात्री की सहायता। |
5 |
योजना की शर्ते/पात्रता |
(1) इस योजना का लाभ केवल राजस्थान के स्थायी मूल निवासियों को ही देय होगा।
(2) कैलाश मानसरोवर की यात्रा विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से की जानी होगी एवं
(3) यात्रा समाप्ति के पश्चात विदेश मंत्रालय द्वारा सफलतापूर्वक यात्रा सम्पन्न किये जाने का प्रमाणीकरण संलग्न किया जाना होगा।
(4) जीवन काल में केवल एक बार अनुदान प्राप्त करने की पात्रता होगी। |
6 |
आवेदन की प्रक्रिया |
- कैलाश मानसरोवर की यात्रा हेतु आवेदन की प्रक्रिया विदेश मंत्रालय भारत सरकार के माध्यम से संपादित की जायेगी।
- अनुदान हेतु आवेदन की प्रक्रिया आनलाइन होगी, जिसकी तिथि विभागीय विज्ञप्ति अनुसार घोषित की जायेगी। सहायता अनुदान हेतु आवेदन-पत्र वांछित दस्तावेज सहित यात्रा करने के दो माह के अन्दर जमा कराना होगा।
- ऑफलाइन की स्थिति में सहायता अनुदान हेतु आवेदन-पत्र विभागीय वेबसाईट से अपलोड कर सहायक आयुक्त कार्यालय देवस्थान विभाग में जमा कराना होगा।
- यदि निर्धारित कोटे से अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं, तो लाटरी (कम्प्यूटराईज्ड ड्रा आफ लाट्स) द्वारा यात्रियों का चयन किया जा सकेगा.
|
7 |
चयन व आवंटन की पक्रिया |
कैलाश मानसरोवर की विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से यात्रा करने वाले श्रद्धालु यात्रा समाप्ति के दो माह के अन्दर अपना आवेदन संबंधित उपखण्ड अधिकारी/सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग के कार्यालय में मय मूल दस्तावेज स्वयं उपस्थित होकर प्रस्तुत करेंगे।
प्रस्तुतकर्ता अधिकरी संलग्न दस्तावेजों को मूल से मिलान कर, सही पाये जाने पर, इस आशय का नोट अंकित करेंगे।
उपखण्ड अधिकारी प्राप्त आवेदन पत्रों को 15 दिवस के अन्दर संबंधित सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग को अग्रेषित करेंगे, जो 15 दिवस में बाद जांच स्वीकृति जारी करेंगे। |
सिन्धु दर्शन यात्रा योजना
1 |
योजना का नाम |
सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा |
2 |
योजना प्रारंभ वर्ष |
1 अप्रेल, 2016 से |
3 |
योजना का उद्देश्य व संक्षिप्त विवरण |
भारत के लद्दाख स्थित सिन्धु दर्शन की तीर्थयात्रा पर जाने वाला तीर्थयात्री को सहायता |
4 |
तीर्थ यात्रा हेतु अनुदान राशि |
यात्रा पर हुए व्यय के 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति अधिकतम 10,000/- प्रति तीर्थयात्री तक |
5 |
योजना में कुल लाभर्थियों की विभागीय सीमा |
200 तीर्थयात्री
तीर्थयात्रा हेतु अधिक आवेदक होने पर लाटरी द्वारा चयन |
6 |
योजना की शर्ते/पात्रता |
(1) तीर्थयात्री राजस्थान का मूल निवासी हो।
(2) उम्र 60 वर्ष से कम न हो।
(3) भिक्षावृति पर जीवन यापन करने वाला न हो।
(4) आयकरदाता न हो।
(5) केन्द्र सरकार/राज्य सरकार/केन्द्र व राज्य सरकार के उपक्रम/स्थानीय निकाय से सेवानिवृत्त कर्मचारी/अधिकारी नहीं हो।
(6) यात्रा हेतु शारीरिक एवं मानसिक रूप से सक्षम हो और किसी संक्रामक रोग यथा टी0बी0, कांजिस्टिव कार्डियक, श्वास में अवरोध संबंधी बीमारी, Coronary अपर्याप्तता, Coronary thrombosis मानसिक व्याधि,संक्रामक कुष्ठ आदि से ग्रसित न हो।
नोटः- देवस्थान विभाग, राजस्थान द्वारा चयनित व्यक्ति ही योजना का लाभ प्राप्त करने का पात्र है। |
7 |
आवेदन की प्रक्रिया |
आवेदन की प्रक्रिया आनलाइन होगी, जिसकी तिथि विभागीय विज्ञप्ति अनुसार घोषित की जायेगी। सहायता अनुदान हेतु आवेदन-पत्र वांछित दस्तावेज सहित यात्रा करने के दो माह के अन्दर जमा कराना होगा।
ऑफलाइन की स्थिति में सहायता अनुदान हेतु आवेदन-पत्र विभागीय वेबसाईट से अपलोड कर सहायक आयुक्त कार्यालय देवस्थान विभाग में जमा कराना होगा। |
8 |
आवेदन के साथ वांछित दस्तावेज |
- राजस्थान के मूल निवास प्रमाण पत्र की प्रमाणित फोटो प्रति।
- जन्म प्रमाण-पत्र
- आधार कार्ड/मतदाता पहचान-पत्र/ भामशाह कार्ड की फोटो प्रति।
- लद्दाख स्थित सरकारी विभाग/समाज का रजिस्टर्ड ट्रस्ट या गठित कमेटी का सत्यापित प्रमाण-पत्र।
|
9 |
चयन व आवंटन की पक्रिया |
(1) राजस्थान के ऐसे व्यक्ति जिन्हें देवस्थान विभाग द्वारा चयनित व्यक्ति की सूची में स्थान पाते हुए उनके द्वारा लद्दाख स्थित सिन्धु दर्शन की यात्रा पूर्ण कर ली हो तो उन्हें यात्रा उपरान्त यात्रा पर हुए वास्तविक व्यय का प्रमाण पत्र (टिकट, रसीदें इत्यादि) प्रस्तुत करना होगा और ऐसी यात्रा पर हुए 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति अधिकतम 10,000/- प्रति तीर्थ यात्री तक राज्य शासन द्वारा की जायेगी।
(2) अनुदान प्राप्त करने हेतु पात्र व्यक्ति अपने दावे निर्धारित प्रपत्र में प्रमाणित अभिलेख सहित आनलाइन/संबंधित सहायक आयुक्त को यात्रा समाप्ति के 60 दिवस की समयावधि में प्रस्तुत करेगा।
(3) निर्धारित तिथि तक प्राप्त प्रार्थना पत्रों एवं दस्तावेजों का सहायक आयुक्त देवस्थान द्वारा परीक्षण कर पात्र यात्रियों के आवेदन पत्र मय सूची आयुक्त, देवस्थान कार्यालय उदयपुर को भिजवाये जायेंगे।
(4) यदि निर्धारित कोटे से अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं, तो लाटरी (कम्प्यूटराईज्ड ड्रा आफ लाट्स) द्वारा यात्रियों का चयन किया जायेगा।
(5) लाटरी निकालते समय आवेदक के आवेदन के साथ उसकी पत्नी अथवा पति (यदि उनके द्वारा भी यात्रा कर ली हो) को एक मानते हुए लाटरी निकाली जायेगी एवं लाटरी में चयन होने पर दोनों अनुदान के पात्र होंगे। |
वर्षवार कैलाष मानसरोवर योजना तथा सिंधु दर्षन योजना की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति
(राशि लाखों में)
वर्ष |
कैलाष मानसरोवर तीर्थ यात्रा योजना |
सिंधु दर्षन तीर्थ यात्रा योजना |
|
लाभान्वितों की संख्या |
व्यय राषि (आर्थिक सहायता राषि का भुगतान) |
लाभान्वितों की संख्या |
व्यय राषि (आर्थिक सहायता राषि का भुगतान) |
2018-19 |
68 |
68.00 |
2 |
0.20 |
2019-20 |
100 |
72 |
5 |
0.50 |
2020-21
(दिसम्बर 2020 तक) |
. |
. |
. |
कोविड.19 के कारण यात्रा स्थगित रही। |
भाग—7
देवस्थान विभाग द्वारा मेलों एवं कार्यक्रमों का आयोजन
मंदिर संस्कृति पुर्नजीवन :-
देवस्थान विभाग द्वारा प्रबंधित एवं नियंत्रित मंदिरों तथा विभिन्न सार्वजनिक मंदिरों में मंदिर परम्परा अनुसार उत्सव एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराया गया है। इसके अतिरिक्त नव संवत्सर, नवरात्र, वसन्तोसव, बेणेश्वर मेला, महाशिवरात्रि, होली, ऋषभदेव जन्मोत्सव, वैशाख पूर्णिमा, पाटोत्सव, जन्माष्टमी आदि पर्वों पर विभाग द्वाराविशेष कार्यक्रम आयोजित करवाये जाते हैं।
5. धार्मिक मेलों का आयोजन :-
विभाग द्वारा आलौच्य वर्ष में राजकीय मंदिरों में होने वाले उत्सवों, जयंतियों एवं मेलों की परंपरा को निरन्तर बनाये रखने के विशेष प्रयास किये गये हैं। विभाग द्वारा मुख्यतया निम्न राजकीय मंदिरों में प्रतिवर्ष स्थायी रूप से बड़े स्तर पर मेलों का आयोजन किया जाता हैः-
- मंदिर श्री गोगाजी, गोगामेड़ी, तहसील नोहर जिला हनुमानगढ़।
- मंदिर श्री केलादेवीजी, झीलकावाड़ा, भरतपुर।
- मंदिर श्री ऋषभदेवजी, धूलेव, जिला उदयपुर।
- मंदिर श्री माताजी मावलियान, आमेर, जिला जयपुर।
- मंदिर श्री चारभुजा जी, गढ़बोर, जिला राजसमन्द।
- मंदिर श्री मंगलेश्वर महादेव मातृकुडिया, तहसील राषमी जिला चित्तोडगढ़।
- मन्दिर श्री भद्रकाली, हनुमानगढ़।
- मन्दिर श्री घोटिया अम्बा जी, बांसवाडा।
उपरोक्त मंदिरों के अतिरिक्त विभाग द्वारा प्रबंधित एवं नियंत्रित छोटे-बड़े मंदिरों में एवं सार्वजनिक प्रन्यासों में भी मेले आयोजित होते हैं तथा उनकी व्यवस्था स्थानीय ग्राम पंचायत/नगरपालिका अथवा श्रद्धालु नागरिकों एवं प्रन्यासों द्वारा अपने स्तर पर की जाती है। देवस्थान विभाग द्वारा मंदिरों एवं तीर्थस्थलों पर आयोजित होने वाले प्रमुख उत्सवों, मेलों, एवं पर्वों का तिथिवार एक सूचना कैलेण्डर भी तैयार किया गया है ।
भाग— 8
विभागीय संपदाओं का प्रबंध एवं अनुरक्षण
1. अचल संपदा का प्रबंध :-
देवस्थान विभाग द्वारा प्रबन्धित एवं नियन्त्रित मन्दिरों को प्रबंध एवं नियंत्रण की दृष्टि से निम्नानुसार वर्गीकृत किया गया हैः-
मंदिर एवं संस्थान |
संख्या |
राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार श्रेणी के मंदिर एवं संस्थान |
390 |
राजकीय आत्मनिर्भर श्रेणी के मंदिर एवं संस्थान |
203 |
राजकीय सुपुर्दगी श्रेणी के मंदिर |
343 |
|
936 |
उपरोक्त श्रेणियों में से राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार श्रेणी के 390 एवं राजकीय आत्मनिर्भर श्रेणी के 203 कुल 593 मंदिरों एवं संस्थानों का सीधा प्रबन्ध एवं रख-रखाव देवस्थान विभाग द्वारा किया जाता है। सुपुर्दगी श्रेणी के 401 मंदिरों में से राज्य सरकार के आदेश क्रमांक प.5(23)देव/94 जयपुर दिनांक 29.9.08 द्वारा 58 मंदिरों की राजस्थान लोक न्यास अधिनियम 1959 के अन्तर्गत प्रन्यास पंजीयन की कार्यवाही पूर्ण हो जाने से राज्य सरकार की अधिसूचना संख्या प.14(17)देव/82 दिनांक 29.1.97 द्वारा प्रसारित सूची में से विलोपित किया गया है।
2. राज्य के बाहर स्थित मंदिर एवं संपदायें :-
राजस्थान राज्य के बाहर देवस्थान विभाग के प्रबंध एवं नियंत्रणाधीन मंदिर एवं संपदाएं प्रमुख तीर्थ स्थलों पर स्थित हैं। विभागीय मंदिर एवं उनके साथ संलग्न संपदाएं उत्तर प्रदेश राज्य में वृन्दावन, मथुरा, सोरो, गोवर्धन, राधाकुण्ड बरसाना,बनारस आदि स्थानों पर स्थित हैं। उत्तराखंड राज्य में हरिद्वार, भुवाली (नैनीताल) एवं उत्तर काशी, घराली, गंगोत्री में, गुजरात राज्य में द्वारिका एवं महाराष्ट्र राज्य में औरंगाबाद एवं अमरावती में तथा नई दिल्ली में स्थित हैं।
3. किराया प्रकरणों का निस्तारण :-
विभागीय मंदिरों की संपदाओं में आवासीय एवं व्यावसायिक 2052 किरायेदार हैं। इन किरायेदारों के किराया प्रकरणों के निस्तारणहेतु राज्य सरकार द्वारा किराया नीति दिनांक 6.6.2000 बनाई हुई है ।
देवस्थान विभाग के अंतर्गत किराए योग्य परिसंपत्तियाँ
Rental Properties of Devasthan Department
(2020-21)
(वर्गीकरण - जिला / श्रेणी वार)
जिला |
परिसंपत्ति |
कुल |
आवासीय |
व्यावसायिक |
राजकीय |
अन्य |
कुल |
आवंटित |
रिक्त |
कुल |
आवंटित |
रिक्त |
कुल |
आवंटित |
रिक्त |
कुल |
आवंटित |
रिक्त |
कुल |
आवंटित |
रिक्त |
अजमेर |
7 |
7 |
0 |
0 |
0 |
0 |
07 |
07 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
अलवर |
32 |
23 |
09 |
18 |
16 |
2 |
13 |
6 |
7 |
1 |
1 |
0 |
0 |
0 |
0 |
बांसवाड़ा |
16 |
16 |
0 |
1 |
1 |
0 |
15 |
15 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
बारां |
24 |
19 |
05 |
2 |
2 |
0 |
22 |
17 |
5 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
बाड़मेर |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
भरतपुर |
464 |
452 |
12 |
190 |
187 |
3 |
273 |
263 |
10 |
1 |
1 |
0 |
0 |
0 |
0 |
भीलवाड़ा |
37 |
32 |
05 |
0 |
0 |
0 |
37 |
32 |
5 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
बीकानेर |
164 |
159 |
05 |
22 |
22 |
0 |
140 |
135 |
5 |
2 |
2 |
0 |
0 |
0 |
0 |
बूंदी |
60 |
51 |
09 |
9 |
8 |
1 |
47 |
42 |
5 |
1 |
1 |
0 |
3 |
0 |
3 |
चित्तौड़गढ़ |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
चुरु |
12 |
12 |
0 |
0 |
0 |
0 |
11 |
11 |
0 |
1 |
1 |
0 |
0 |
0 |
0 |
दौसा |
16 |
14 |
02 |
0 |
0 |
0 |
16 |
14 |
2 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
धौलपुर |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
डूंगरपुर |
5 |
5 |
0 |
0 |
0 |
0 |
5 |
5 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
हनुमानगढ़ |
3 |
2 |
01 |
0 |
0 |
0 |
03 |
02 |
01 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
जयपुर |
344 |
320 |
24 |
95 |
93 |
02 |
234 |
212 |
22 |
15 |
15 |
0 |
0 |
0 |
0 |
जैसलमेर |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
जालौर |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
झालावाड़ |
48 |
40 |
08 |
05 |
02 |
03 |
43 |
38 |
05 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
झुंझुनू |
10 |
04 |
06 |
03 |
01 |
02 |
06 |
02 |
04 |
01 |
01 |
0 |
0 |
0 |
0 |
जोधपुर |
367 |
334 |
33 |
99 |
96 |
03 |
258 |
228 |
30 |
10 |
10 |
0 |
0 |
0 |
0 |
करौली |
34 |
33 |
01 |
26 |
26 |
0 |
07 |
07 |
0 |
01 |
0 |
01 |
0 |
0 |
0 |
कोटा |
44 |
32 |
12 |
17 |
13 |
04 |
27 |
19 |
08 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
नागौर |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
पाली |
09 |
09 |
0 |
0 |
0 |
0 |
09 |
09 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
प्रतापगढ़ |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
राजसमंद |
69 |
64 |
05 |
05 |
05 |
0 |
63 |
58 |
05 |
01 |
01 |
0 |
0 |
0 |
0 |
सवाई माधोपुर |
08 |
08 |
0 |
08 |
08 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
सीकर |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
सिरोही |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
श्रीगंगानगर |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
टोंक |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
उदयपुर |
153 |
153 |
0 |
37 |
37 |
0 |
108 |
108 |
0 |
08 |
08 |
0 |
0 |
0 |
0 |
ऋषभदेव |
164 |
164 |
0 |
07 |
07 |
0 |
154 |
154 |
0 |
03 |
03 |
0 |
0 |
0 |
0 |
योग |
2090 |
1953 |
137 |
544 |
524 |
20 |
1498 |
1384 |
114 |
45 |
44 |
1 |
3 |
0 |
3 |
राजस्थान राज्य के बाहर स्थित परिसंपत्ति का विवरण
क्र. सं. |
जिला |
परिसंपत्ति |
कुल |
आवासीय |
व्यावसायिक |
राजकीय |
अन्य |
कुल |
आवंटित |
रिक्त |
कुल |
आवंटित |
रिक्त |
कुल |
आवंटित |
रिक्त |
कुल |
आवंटित |
रिक्त |
कुल |
आवंटित |
रिक्त |
1 |
मथुरा |
124 |
122 |
02 |
60 |
60 |
0 |
64 |
62 |
2 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
2 |
उत्तरकाशी |
30 |
30 |
0 |
04 |
04 |
0 |
26 |
26 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
3 |
हरिद्वार |
11 |
11 |
0 |
02 |
02 |
0 |
09 |
09 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
4 |
वाराणसी |
25 |
25 |
0 |
15 |
15 |
0 |
10 |
10 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
5 |
द्वारिका |
01 |
01 |
0 |
0 |
0 |
0 |
01 |
01 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
|
योग |
191 |
189 |
02 |
81 |
81 |
0 |
110 |
108 |
2 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
राजस्थान राज्य व राज्य के बाहर परिसंपत्ति का सम्मिलित विवरण |
राज्य |
कुल |
आवासीय |
व्यावसायिक |
राजकीय |
अन्य |
कुल |
आवंटित |
रिक्त |
कुल |
आवंटित |
रिक्त |
कुल |
आवंटित |
रिक्त |
कुल |
आवंटित |
रिक्त |
कुल |
आवंटित |
रिक्त |
राजस्थान राज्य |
2090 |
1953 |
137 |
544 |
524 |
20 |
1498 |
1384 |
114 |
45 |
44 |
1 |
3 |
0 |
3 |
राज्य के बाहर |
191 |
189 |
02 |
81 |
81 |
0 |
110 |
108 |
2 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
महायोग |
2281 |
2142 |
139 |
625 |
605 |
20 |
1608 |
1492 |
116 |
45 |
44 |
1 |
3 |
0 |
3 |
देवस्थान विभाग में खनन लीज की सूचना
(वर्ष 2020-21)
क्र.सं. |
नाम जिला |
नाम मंदिर |
लीज हेतु कुल NOC धारक/
Non NOC धारक |
आय दिसम्बर 2020 तक |
1 |
झालावाड |
मंदिर श्री द्वारिकाधीशजी, झालरापाटन |
6 |
3,96,848 |
2 |
उदयपुर |
मंदिर श्री ठाकुर जी श्याम सुन्दर जी, उदयपुर |
24 |
12,85,300 |
3 |
उदयपुर |
मंदिर श्री ऋषभदेवजी
(रा.आ. निर्भर) |
24 |
25,62,764 |
|
|
योग |
54 |
42,44,912 |
4. बहुमूल्य आभूषणों का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन :-
देवस्थान विभाग द्वारा प्रबन्धित एवं नियंत्रित विभागीय मंदिरों के बहुमूल्य आभूषणों की कुल संख्या 20,825 हैं । जनवरी 2020 से 31.12.2020 के मध्य 50 बहुमूल्य आभूषण व भेट से प्राप्त हुए, इस प्रकार कुल बहुमुल्य आभूषणों की संख्या 20875 है।
भाग— 9
मंदिरों व धर्मस्थलों के लिए सहायता अनुदान तथा शाश्वत वार्षिकी का भुगतान
देवस्थान विभाग द्वारा अपने प्रबंधन व नियंत्रण से भिन्न मंदिरों व धर्मस्थलों के लिए भी सहायता अनुदान तथा शाश्वत वार्षिकी का भुगतान किया जाता है, जिसके मुख्यतः दो रूप हैं-
(राशि लाख रुपए)
वित्तीय वर्ष |
सहायताअनुदान प्राप्तमंदिर |
शाश्वत वार्षिकी राशि प्राप्त मंदिर |
स्वीकृत राशि |
वितरित राशि |
स्वीकृत राशि |
वितरित राशि |
2018-19 |
15.00 |
12.80 |
8.00 |
5.24 |
2019-20 |
15.00 |
2.31 |
7.98 |
5.13 |
2020-21 ( 31.12.2020 तक) |
15.00 |
3.13 |
10.00 |
1.38 |
भाग- 10
सार्वजनिक प्रन्यासों का पंजीयन, पर्यवेक्षण एवं नियमन
राजस्थान राज्य में सार्वजनिक मंदिरों, मठों एवं अन्य धार्मिक व पुण्यार्थ संस्थानों का पंजीयन करने एवं उनके प्रशासन हेतु राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम, 1959 के प्रावधान दिनांक 1-7-1962 से लागू किये गये हैं। इस अधिनियम के तहत सार्वजनिक प्रन्यासों के सर्वेक्षण, पंजीकरण, संपत्ति विनियोजन, लेखा नियंत्रण, अंकेक्षण तथा प्रन्यासों के संबंध में प्राप्त होने वाली शिकायतों की जांच के दायित्व का निर्वहन देवस्थान विभाग द्वारा किया जाता है। अधिनियम के प्रावधानों के तहत विभाग के सहायक आयुक्तों को पंजीकरण एवं जाँच तथा लेखा नियंत्रण की शक्तियाँ प्रदत्त हैं। आयुक्त, देवस्थान विभाग, अधिनियम की धारा 37 के अनुसार राजस्थान राज्य में स्थित समस्त पुण्यार्थ न्यासों के कोषाध्यक्ष हैं तथा उन्हें अधिनियम की धारा 7 के तहत राजस्थान राज्य में स्थित समस्त धार्मिक एवं पुण्यार्थ लोक न्यासों के अधीक्षण की शक्तियाँ प्रदत्त है। उक्त अधिनियम के प्रावधानों को क्रियान्वित करने तथा सार्वजनिक प्रन्यासों के प्रशासन पर अधीक्षण करने का दायित्व आयुक्त देवस्थान को सौंपा गया है। राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम, 1959 के प्रावधानों के तहत दिनांक 31.12.2020 तक 9606 प्रन्यासों का पंजीयन सहायक आयुक्तों द्वारा किया जा चुका है। पंजीकृत प्रन्यासों की जिले एवं खण्डवार स्थिति निम्नानुसार है :-
पंजीकृत प्रन्यासों की खण्डवार स्थिति
क्र.सं. |
संभाग |
जिला |
31.12.2019 तक कुल पंजीकृत प्रन्यास |
दिनांक 1.1.2020 से 31.12.2020 तक नये पंजीकृत |
31.12.2020 तक कुल पंजीकृत प्रन्यास |
1 |
जयपुर (प्र0) |
जयपुर |
1950 |
80 |
2030 |
|
|
दौसा |
121 |
6 |
127 |
|
|
योग |
2071 |
86 |
2157 |
2 |
जयपुर (द्वि0) |
झुन्झुनूं |
180 |
1 |
181 |
|
|
सीकर |
246 |
11 |
257 |
|
|
अलवर |
349 |
10 |
359 |
|
|
योग |
775 |
22 |
797 |
3 |
भरतपुर |
भरतपुर |
372 |
9 |
381 |
|
|
सवाई माधोपुर |
129 |
1 |
130 |
|
|
धौलपुर |
63 |
0 |
63 |
|
|
करौली |
124 |
4 |
128 |
|
|
योग |
688 |
14 |
702 |
4 |
जोधपुर |
जोधपुर |
804 |
20 |
824 |
|
|
पाली |
400 |
4 |
404 |
|
|
बाड़मेर |
77 |
2 |
79 |
|
|
जालौर |
157 |
2 |
159 |
|
|
सिरोही |
245 |
1 |
246 |
|
|
जैसलमेर |
83 |
0 |
83 |
|
|
योग |
1766 |
29 |
1795 |
5 |
बीकानेर |
बीकानेर |
400 |
8 |
408 |
|
|
चुरू |
199 |
1 |
200 |
|
|
योग |
599 |
9 |
608 |
6 |
हनुमानगढ़ |
श्रीगंगानगर |
258 |
20 |
278 |
|
|
हनुमानगढ़ |
207 |
17 |
224 |
|
|
योग |
465 |
37 |
502 |
7 |
उदयपुर |
उदयपुर |
850 |
18 |
868 |
|
|
चित्तौड़गढ़ |
139 |
1 |
140 |
|
|
प्रतापगढ़ |
48 |
1 |
49 |
|
|
राजसमन्द |
81 |
2 |
83 |
|
|
योग |
1118 |
22 |
1140 |
8 |
कोटा |
कोटा |
443 |
10 |
453 |
|
|
बून्दी |
153 |
1 |
154 |
|
|
झालावाड़ |
102 |
3 |
105 |
|
|
बारां |
96 |
2 |
98 |
|
|
योग |
794 |
16 |
810 |
9 |
अजमेर |
अजमेर |
405 |
6 |
411 |
|
|
नागौर |
224 |
2 |
226 |
|
|
टोंक |
96 |
1 |
97 |
|
|
भीलवाड़ा |
167 |
1 |
168 |
|
|
योग |
892 |
10 |
902 |
10 |
ऋषभदेव |
ऋषभदेव |
25 |
0 |
25 |
|
|
डूंगरपुर |
71 |
0 |
71 |
|
|
बांसवाड़ा |
94 |
3 |
97 |
|
|
योग |
190 |
3 |
193 |
|
|
महायोग |
9358 |
248 |
9606 |
7. यात्रियों के लिये विश्राम स्थलों की व्यवस्था :-
राजस्थान राज्य एवं राज्य के बाहर देवस्थान विभाग द्वारा प्रबंधित एवं नियंत्रित मंदिरों एवं संस्थानों में संचालित निम्नांकित धर्मशालाओं, विश्रान्ति गृहों में यात्रियों के लिये ठहरने की सुविधा उपलब्ध हैः-
क्र.सं. |
नाम संस्था |
क्षमता
कमरों की संख्या
|
|
(A) राजस्थान राज्य में |
|
1 |
होटल देव दर्शन (देवस्थान विश्रान्ति गृह), उदयपुर |
62 |
2 |
सराय फतह मेमोरियल, उदयपुर |
31 |
3 |
मांजी की सराय, पुराना स्टेशन रोड, उदयपुर |
20 |
4 |
धर्मशाला ऋषभदेव, धुलेव तहसील ऋषभदेव, जिला उदयपुर |
154 |
5 |
धर्मशाला मंदिर श्री चारभुजा जी, गढ़बोर, जिला राजसमन्द |
70 |
6 |
जसवन्त सराय, स्टेशन रोड़, जोधपुर |
63 |
7 |
धर्मशाला, जोडेचीजी राजभवन, जोधपुर (नवनिर्मित) |
23 |
8 |
धर्मशाला, मंदिर श्री राजरतन बिहारी जी, बीकानेर (नवनिर्मित) |
23 |
9 |
धर्मशाला, मंदिर श्री गोगाजी गोगामेड़ी (नवनिर्मित) |
20 |
10 |
धर्मशाला, मंदिर श्री बलदेव परशुरामद्वारा आमेर रोड, जयपुर (नवनिर्मित) |
23 |
11 |
धर्मशाला, मंदिर श्री रूपनारायण जी, सेवंत्री (नवनिर्मित) |
14 |
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योग |
503 |
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(B) राजस्थान राज्य से बाहर |
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1 |
विश्राम गृह मंदिर श्री राधा माधव जी,(जयपुर मंदिर) वृन्दावन (उ0प्र0) |
2 |
2 |
विश्राम गृह मंदिर श्री कुशल बिहारी जी, बरसाना, जिला मथुरा (उ0 प्र0) |
10 |
3 |
धर्मशाला मंदिर श्री गंगाजी, हरिद्वार (उत्तराखण्ड) |
3 |
4 |
धर्मशाला मंदिर श्री एकादशरुद्र जी, उत्तरकाशी (उत्तराखण्ड) |
3 |
5 |
धर्मशाला, गंगा मंदिर, उत्तराखण्ड (नवनिर्मित) |
4 |
6 |
धर्मशाला, मंदिर श्री मुरली मनोहर जी बीकानेर मंदिर द्वारका, गुजरात (नवनिर्मित) |
4 |
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योग |
26 |
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कुल योग |
529 |
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