क्र. स. |
विभागीय कार्य का विवरण |
कार्यालय, जहां कार्य हेतु आवेदन किया जाना है |
कार्य निष्पादन की अधिकतम अवधि |
1 |
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4 |
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प्रन्यास संबंधी कार्य |
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1 |
राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम, 1959 के प्रावधानों के अन्तर्गत पंजीकरण करवाने अथवा राजकीय नियंत्रण में लेने की मांग का आवेदन |
संबंधित क्षेत्र के सहायक आयुक्त, देवस्थान |
180 दिवस |
2 |
किसी लोक न्यास का मूल उद्देश्य विफल रहने तथा न्यास सम्पत्ति का कुप्रबंध होने पर न्यास के अधिनियम, 1959 की धारा 38 के अन्तर्गत आवेदन |
संबंधित क्षेत्र के सहायक आयुक्त, देवस्थान के न्यायालय में। |
60 दिवस |
3 |
लोक न्यास के नये कार्यकारी प्रन्यासी की नियुक्ति हेतु धारा 41 के अन्तर्गत आवेदन |
संबंधित क्षेत्र के सहायक आयुक्त, देवस्थान के न्यायालय में। |
90 दिवस |
4 |
किसी न्यासी की मृत्यु होने पर या अन्य कारणों से न्यासी के परिवर्तन, अचल सम्पत्ति के क्रय करने पर विभाग के अभिलेखों में अंकन हेतु आवेदन पत्र |
संबंधित क्षेत्र के सहायक आयुक्त, देवस्थान के न्यायालय में। |
90 दिवस |
5 |
राजस्थान लोक न्यास अधिनियम, 1959 की धारा-36 के अन्तर्गत किसी लोक न्यास में हित रखने वाले व्यक्ति को लेखों की प्रतिलिपि तथा लेखों का निरीक्षण करने की अनुमति हेतु आवेदन |
संबंधित क्षेत्र के सहायक आयुक्त, देवस्थान के न्यायालय में। |
7 दिवस |
6 |
राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम, 1959 के प्रावधानों के अन्तर्गत किसी पंजीकृत लोक न्यास द्वारा 5000/- रुपये से अधिक मूल्य की चल व अचल सम्पत्ति के विक्रय /विनिमय एवं दान के आवेदन पर एवं कृषि भूमि के मामले में पांच वर्ष की अवधि के लिये तथा अकृषि भूमि या भवन के मामले में तीन वर्ष से अधिक अवधि के लिये पट्टे (लीज) पर देने की स्वीकृति प्रदान करने हेतु आवेदन |
संबंधित क्षेत्र के सहायक आयुक्त देवस्थान |
60 दिवस |
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देवस्थान विभाग के अंतर्गत किराए व किराए योग्य परिसंपत्तियोंसंबंधी कार्य |
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7 |
किराया नीति दिनांक 06.06.2000 के अनुसार किरायेदारी नियमन/ उत्तराधिकारी के अंकन हेतु किरायेदार द्वारा आवेदन |
संबंधित क्षेत्र के सहायक आयुक्त, देवस्थान |
90 दिवस |
8 |
विभागीय प्रबंध के मन्दिरों की रिक्त या जीर्ण-शीर्ण संपदाओं निर्माण कराकर देवस्थान विभाग को भेंट स्वरूप प्रदान करने और उसे किराये पर दिए जाने हेतु आवेदन
नियम-
विभागीय प्रबंध के मन्दिरों की रिक्त संपदाओं को विज्ञप्ति प्रकाशन के पश्चात् खुली नीलामी की प्रक्रिया के माध्यम से किराये पर देने का प्रावधान है। किन्तु देवस्थान विभाग की जीर्ण-शीर्ण संपदाओं एवं रिक्त भूमि, जिन पर अतिक्रमण तथा अवैध निर्माण की लगातार संभावना बनी रहती है, ऐसी सम्पदाओं या भूमियों पर यदि किन्ही सेवाभावी अथवा आस्थावान व्यक्तियों, संस्थाओं द्वारा निर्माण कराकर देवस्थान विभाग को भेंट स्वरूप प्रदान करते हैं, तो ऐसे व्यक्तियों, संस्थाओं को उनके चाहने पर प्रश्नगत सम्पदा बिना किसी निविदा प्रक्रिया के सार्वजनिक निर्माण विभाग के मानदण्डों के अनुसार किराये पर दी जाने की राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति गुण-दोष के आधार पर प्रदान की जा सकती है. |
संबंधित क्षेत्र के सहायक आयुक्त, देवस्थान द्वारा प्रकरण आयुक्त, देवस्थान विभाग को अग्रेषित करने पर शासन को अग्रेषित करना। |
90 दिवस |
9 |
किराएदार द्वारा स्वयं की लागत पर किराए की परिसंपत्तियों की मरम्मत हेतु आवेदन |
संबंधित क्षेत्र के सहायक आयुक्त, देवस्थान |
30 दिवस |
10 |
नीलामी में बोली छूटने के बाद उसके अनुमोदन एवं किरायेनामे का निष्पादन |
संबंधित क्षेत्र के सहायक आयुक्त, देवस्थान द्वारा प्रकरण आयुक्त, देवस्थान विभाग को अग्रेषित करने पर अनुमोदन व क्रियान्वयन |
30 दिवस |
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विभागीय मन्दिरों की खनन योग्य भूमि पर खनन पट्टा हेतु अनापत्ति |
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11 |
विभागीय मन्दिरों की खनन योग्य भूमि पर खनन पट्टा खनिज विभाग से प्राप्त करने के लिये देवस्थान विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन
नियम-
विभागीय मन्दिरों की खनन योग्य भूमि पर खनन पट्टा खनिज विभाग से प्राप्त करने के लिये देवस्थान विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करना आवश्यक है। इस हेतु राज्य सरकार द्वारा एक नवीन खनन नीति दिनांक 18.4.2000 बनाई गई है। नवीन नीति के अनुसार बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के खनन करने वाले पट्टाधारियों का भी नियमन शुल्क लेकर प्रकरणों को नियमित करने का प्रावधान किया गया है। नवीन नीति अनुसार खनन प्रकरणों को नियमित करने एवं बकाया राजस्व जमा कराने के लिये आवेदन किया जा सकता है। |
संबंधित क्षेत्र के सहायक आयुक्त, देवस्थान द्वारा प्रकरण आयुक्त, देवस्थान विभाग को अग्रेषित करने पर शासन को अग्रेषित करना। |
90 दिवस |
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दान, विकास, सहयोग, कार्यक्रम संबंधी कार्य |
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12 |
विभागीय प्रबंध के मन्दिरों में भेंट स्वरूप राशि अथवा वस्तु/आभूषण प्रदान करना
नियम-
श्रद्धालुओं द्वारा दान या भेंट सामान्यतः दानपात्र या भेंटपेटी में ही डाली जानी चाहिये।
विभागीय प्रबंध के मन्दिरों में भेंट स्वरूप राशि अथवा वस्तु/आभूषण प्रदान करने के लिये नियमानुसार रसीद प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए ऑनलाइन दान की भी व्यवस्था है. |
संबंधित मन्दिर के प्रबंधक/पुजारी एवं क्षेत्रीय सहायक आयुक्त, देवस्थान |
तत्काल |
13 |
विभागीय प्रबंध के मन्दिरों में नियमानुसार जीर्णोद्धार या विकास कार्य हेतु सहयोग हेतु आवेदन |
संबंधित सहायक आयुक्त देवस्थान द्वारा प्रकरण आयुक्त, देवस्थान विभाग को अग्रेषित करना। |
90 दिन |
14 |
विभागीय प्रबंध के मन्दिरों में नियमानुसार धार्मिक सार्वजानिक कार्यक्रम हेतु आवेदन |
आयुक्त, देवस्थान विभाग , राजस्थान उदयपुर |
30 दिन |
15 |
देवस्थान विभाग द्वारा प्रबंधित एंव नियंत्रित राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार एवं राजकीय आत्म निर्भर श्रेणी के मन्दिरों को उनके बेहतर प्रबंध एवं सेवा-पूजा की व्यवस्था हेतु पंजीकृत संस्थाओं को सुपुर्दगी में देने हेतु आवेदन
नियम-
देवस्थान विभाग द्वारा प्रबंधित एंव नियंत्रित राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार एवं राजकीय आत्म निर्भर श्रेणी के मन्दिरों को उनके बेहतर प्रबंध एवं सेवा पूजा की श्रेष्ठ व्यवस्था हेतु पंजीकृत संस्थाओं को सुपुर्दगी में देने की राज्य सरकार की नीति है। उपरोक्त श्रेणी के विभागीय मन्दिरों को प्रबंध एवं संचालन हेतु निर्धारित शर्तो पर सुपुर्दगी में लेने हेतु आवेदन किया जा सकता है। प्राप्त आवेदनों का गुणावगुणों के आधार पर परीक्षण कर मन्दिर सुपुर्दगी में देने हेतु निर्णय लिया जाता है. |
संबंधित सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग द्वारा प्रकरण आयुक्त, देवस्थान विभाग को अग्रेषित करना। |
90 दिवस |
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सूचना का अधिकार अधिनियम संबंधी कार्य |
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16 |
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा-5(1)के अन्तर्गत वांछित सूचना प्राप्त करने हेतु आवेदन |
लोक सूचना अधिकारी एवं उपायुक्त देवस्थान विभाग राजस्थान उदयपुर एवं संबंधित लोक सूचना अधिकारी, सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग |
30 दिन |
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सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा-5(1) के अन्तर्गत आवेदन पर वांछित सूचना नियत अवधि में प्राप्त न होने पर अपील का निर्णय |
विभागीय अपील अधिकारी, आयुक्त, देवस्थान विभाग, राजस्थान उदयपुर |
30 दिवस |
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अन्य कार्य |
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17 |
सहायता प्राप्त मन्दिरों के पुजारियों के निधन या अन्य कारणों से स्थान रिक्त होने पर वैध उत्तराधिकारी का अभिलेख में अंकन कर भुगतान का नवीनीकरण कराने हेतु आवेदन |
संबंधित सहायक आयुक्त देवस्थान द्वारा प्रकरण आयुक्त, देवस्थान विभाग को अग्रेषित करना। |
90 दिन |
18 |
नवीन उत्तराधिकारी के नाम संबंधित डिप्टी कलेक्टर (जागीर) द्वारा संशोधित प्रपत्र 12 (क) जारी करने के पश्चात ही भुगतान के आदेश प्रपत्र 12 (ख) जारी करने हेतु आवेदन
नियम-
नवीन उत्तराधिकारी के नाम संबंधित डिप्टी कलेक्टर (जागीर) द्वारा संशोधित प्रपत्र 12 (क) जारी करने के पश्चात ही भुगतान के आदेश प्रपत्र 12 (ख) जारी करना है। |
आयुक्त, देवस्थान विभाग , राजस्थान उदयपुर |
30 दिन |
19 |
निजी रूप से प्रबंधित व संचालित मन्दिरों के कुप्रबंध या संचालन का अभाव होने अथवा पुजारी/प्रबंध द्वारा संपदा खुर्द-बुर्द करने आदि की शिकायतों के सम्बन्ध में आवेदन |
संबंधित सहायक आयुक्त, देवस्थान |
60 दिवस |
20 |
राजस्थान मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों की अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियम- 1996 के तहत मृतक कर्मचारी के आश्रित को 45 दिन में आवेदन प्रस्तुत करने पर निर्णय |
आयुक्त, देवस्थान
विभाग, राजस्थान
उदयपुर |
30 दिवस |
21 |
तीर्थ यात्रा योजना अंतर्गत अनुदान राशि के सम्बन्ध में आवेदन |
संबंधित उपखण्ड अधिकारी/सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग |
30 दिवस |