क्रम. |
ज्योतिर्लिंग |
राज्य |
स्थिति |
वर्णन |
१ |
सोमनाथ |
गुजरात |
प्रभास पाटन, सौराष्ट्र |
श्रीसोमनाथसौराष्ट्र, (गुजरात) के प्रभास क्षेत्र में विराजमान है।
यह १०२२ ई में महमूद गजनवी के हमले से ध्वस्त हो गया.माना जाता है कीइस प्रसिद्ध मंदिर को अतीत में छह बार ध्वस्त एवं निर्मित किया गया है। |
२ |
मल्लिकार्जुन |
आंध्र प्रदेश |
कुर्नूल |
आन्ध्र प्रदेशप्रांत के कृष्णा जिले मेंकृष्णा नदीके तटपर श्रीशैल पर्वत परश्रीमल्लिकार्जुनविराजमान हैं। इसे दक्षिण का कैलाश कहते हैं। |
३ |
महाकालेश्वर |
मध्य प्रदेश |
महाकाल, उज्जैन |
श्री महाकालेश्वर (मध्यप्रदेश) के मालवा क्षेत्र मेंक्षिप्रा नदीके तटपर पवित्रउज्जैननगर में विराजमान है। उज्जैन को प्राचीनकाल में अवंतिकापुरी कहते थे। |
४ |
ॐकारेश्वर |
मध्य प्रदेश |
नर्मदा नदीमें एक द्वीप पर |
मालवा क्षेत्र मेंश्रीॐकारेश्वरस्थाननर्मदा नदीके बीच स्थित द्वीप पर है। उज्जैन सेखण्डवाजाने वाली रेलवे लाइन परमोरटक्कानामक स्टेशन है, वहां से यह स्थान 10 मील दूर है। यहां ॐकारेश्वर और मामलेश्वर दो पृथक-पृथक लिङ्ग हैं, परन्तु ये एक ही लिङ्ग के दो स्वरूप हैं। श्रीॐकारेश्वर लिंग को स्वयंभू समझा जाता है। |
५ |
केदारनाथ |
उत्तराखंड |
केदारनाथ |
श्री केदारनाथहिमालयके केदार नामक श्रृङ्गपर स्थित हैं। शिखर के पूर्व की ओरअलकनन्दाके तट पर श्री बदरीनाथ अवस्थित हैं और पश्चिम मेंमन्दाकिनीके किनारे श्री केदारनाथ हैं। यह स्थानहरिद्वारसे 150 मील औरऋषिकेशसे 132 मील दूरउत्तरांचलराज्य में है। |
६ |
भीमाशंकर |
महाराष्ट्र |
भीमाशंकर |
श्री भीमशङ्करका स्थानमुंबईसे पूर्व औरपूनासे उत्तरभीमा नदीके किनारे सह्याद्रि पर्वत पर है। यह स्थाननासिकसे लगभग 120 मील दूर है। सह्याद्रि पर्वत के एक शिखर का नाम डाकिनी है। शिवपुराण की एक कथा के आधार पर भीमशङ्कर ज्योतिर्लिङ्ग कोअसमके कामरूप जिले में गुवाहाटी के पास ब्रह्मपुर पहाड़ी पर स्थित बतलाया जाता है। कुछ लोग मानते हैं कि नैनीताल जिले केकाशीपुरनामक स्थान में स्थित विशाल शिवमंदिर भीमशंकर का स्थान है। |
७ |
काशी विश्वनाथ |
उत्तर प्रदेश |
वाराणसी |
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) स्थितकाशीकेश्रीविश्वनाथजीसबसे प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में एक हैं।गंगातट स्थित काशी विश्वनाथ शिवलिंग दर्शन हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र है। |
८ |
त्रयम्बकेश्वर |
महाराष्ट्र |
त्रयम्बकेश्वर, निकटनासिक |
श्री त्र्यम्बकेश्वरज्योतिर्लिङ्गमहाराष्ट्रप्रांत केनासिकजिले में पंचवटी से 18 मील की दूरी पर ब्रह्मगिरि के निकटगोदावरीके किनारे है। इस स्थान पर पवित्र गोदावरी नदी का उद्गम भी है। |
९ |
वैद्यनाथ |
महाराष्ट्र |
बीड जिला |
महाराष्ट्रमें पासेपरभनीनामक जंक्शन है, वहां सेपरलीतक एक ब्रांच लाइन गयी है, इस परली स्टेशन से थोड़ी दूर पर परली ग्राम के निकट श्रीवैद्यनाथ को भी ज्योतिर्लिङ्ग माना जाता है। परंपरा और पौराणिक कथाओं से परळी स्थित श्रीवैद्यनाथ ज्योतिर्लिङ्ग को ही प्रमाणिक मान्यता है। |
१० |
नागेश्वर |
गुजरात |
दारुकावन, द्वारका |
श्रीनागेश्वरज्योतिर्लिङ्ग बड़ौदा क्षेत्रांतर्गत गोमती द्वारका से ईशानकोण में बारह-तेरह मील की दूरी पर है। निजाम हैदराबाद राज्य के अन्तर्गत औढ़ा ग्राम में स्थित शिवलिङ्ग को ही कोई-कोई नागेश्वर ज्योतिर्लिङ्ग मानते हैं। कुछ लोगों के मत से अल्मोड़ा से 17 मील उत्तर-पूर्व में यागेश (जागेश्वर) शिवलिङ्ग ही नागेश ज्योतिर्लिङ्ग है। |
११ |
रामेश्वर |
तमिल नाडु |
रामेश्वरम |
श्रीरामेश्वर तीर्थ तमिलनाडु प्रांत के रामनाड जिले में है। यहाँ लंका विजय के पश्चात भगवान श्रीराम ने अपने अराध्यदेव शंकर की पूजा की थी। ज्योतिर्लिंग कोश्रीरामेश्वरयाश्रीरामलिंगेश्वरके नाम से जाना जाता है।. |
१२ |
घृष्णेश्वर |
महाराष्ट्र |
निकटएल्लोरा, औरंगाबाद जिला |
श्रीघुश्मेश्वर (गिरीश्नेश्वर)ज्योतिर्लिंग को घुसृणेश्वर या घृष्णेश्वर भी कहते हैं। इनका स्थानमहाराष्ट्रप्रांत में दौलताबाद स्टेशन से बारह मील दूर बेरूल गांव के पास है। |