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       हिंदू परंपरा के अनुसार कुछ प्रमुख तीर्थों-धामोंकी  श्रेणियाँएवं सूची 
      पुराण :-  
पुराण धर्म और इतिहास के मिश्रण के रूप  में लिखे गए ग्रंथ हैं. 'पुराण' का शाब्दिक अर्थ  है - 'प्राचीन  आख्यान' या 'पुरानी कथा'। माना जाता है कि उनके लेखन में व्यास  और उनकी परंपरा का बड़ा योगदान है. 
कुल 18 महापुराण माने जाते हैं, जिनकी संख्या निम्नानुसार है- 
  - ब्रह्म  पुराण
 
  - पद्म  पुराण
 
  - विष्णु  पुराण
 
  - वायु  पुराण -- (शिव पुराण)
 
  - भागवत  पुराण -- (देवीभागवत पुराण)
 
  - नारद  पुराण
 
  - मार्कण्डेय  पुराण
 
  - अग्नि  पुराण
 
  - भविष्य  पुराण
 
  - ब्रह्मवैवर्त  पुराण
 
  - लिङ्ग  पुराण
 
  - वाराह  पुराण
 
  - स्कन्द  पुराण
 
  - वामन  पुराण
 
  - कूर्म  पुराण
 
  - मत्स्य  पुराण
 
  - गरुड़  पुराण
 
  - ब्रह्माण्ड  पुराण 
 
 
प्रत्येक पुराण में विभिन्न पुराणों  की संख्या और उनके श्लोकों की संख्या का उल्लेख है, किंतु 18 पुराणों में कौन  से पुराण सम्मिलित हैं, इन पर कुछ असहमतियाँ भी रही है. जैसे कूर्म  पुराण में अग्नि के स्थान में वायुपुराण; मार्कंडेय पुराण में लिंगपुराण के स्थान में नृसिंहपुराण; देवीभागवत में  शिव पुराण के स्थान में नारद पुराण और मत्स्य पुराण में वायुपुराण है। भागवत के  नाम से वैष्णव और शाक्त भेद से दो पुराण मिलते हैं—एक श्रीमद्भागवत, दूसरा देवीभागवत। 
महापुराणों के अतिरिक्त कुछ उपपुराण भी हैं, जिनकी संख्या  निम्नानुसार है-  
उपपुराण  
  - श्रीविष्णुधर्मोत्तर पुराण
 
  - हरिवंश  पुराण
 
  - कल्कि  पुराण
 
  - नरसिंह  पुराण
 
  - वरुण  पुराण
 
  - गणेश  पुराण
 
  - एकाम्र  पुराण
 
  - कपिल  पुराण
 
  - दत्त  पुराण
 
  - मुद्गल  पुराण
 
  - सनत्कुमार  पुराण
 
  - शिवधर्म  पुराण
 
  - आचार्य  पुराण
 
  - मानव  पुराण
 
  - उशना  पुराण
 
  - कालिका  पुराण
 
  - महेश्वर  पुराण
 
  - साम्ब  पुराण
 
  - सौर  पुराण
 
  - पराशर  पुराण
 
  - मरीच  पुराण
 
  - भार्गव  पुराण
 
  - रेणुका  पुराण
 
  - सौर  पुराण
 
 
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